पेशेवर अपराधियों को पकड़ने के बजाय सम्मानित पत्रकार लोगों को एसओ कर रहें अपमानित

अम्बेडकर नगर। बेवाना थाने की पुलिस ने एक वरिष्ठ पत्रकार को विपक्षी से सांठगांठ करके जबरन पूरे दिन थाने में बैठाकर अपमानित किया है। आरोप है विपक्षी से मिलीभगत के चलते पुलिस ने 40 वर्ष पुराने जमीनी विवाद में बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के कब्जा दिलाने के नाम पर पत्रकार को धमकाया। जब कि संबंधित प्रकरण में एसडीएम के कोर्ट से स्थगन आदेश है। मामले में एसडीएम अकबरपुर ने राजस्व निरीक्षक और पुलिस को कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है। इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई से पत्रकारों में रोष है।शिकायत के अनुसार के अनुसार जगदीशपुर मुस्लिमपुर निवासी वरिष्ठ पत्रकार राजितराम पाठक का एक पुश्तैनी जमीन को लेकर 40 वर्षों से विवाद चल रहा है। मामले में उपजिलाधिकारी न्यायालय अकबरपुर के यहां स्थगन आदेश भी है। जमीन पर किसी तरह का कब्जा दखल करना मना है। इसके बाद भी एसओ बेवाना ने मामले में विपक्षी से सांठगांठ करते हुए जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए वरिष्ठ पत्रकार को थाने में बुलाया और जबरन पूरे दिन बैठाए रखा। शिकायतकर्ता राजितराम पाठक ने बताया कि उनके ऊपर जबरन जमीन से कब्जा छोड़ने के लिए थानाध्यक्ष और सिपाही द्वारा दबाव बनाया गया और अपमानित किया गया। शिकायतकर्ता राजितराम पाठक ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बेवाना थाने में जमकर अवैध वसूली चल रही है। पीड़ितों को ही थाने के हवालात में डालकर धन की मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष की कार्यशैली पूरी तरह से सामान्य आचरण के विपरीत है। पूरा थाना आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। इसमें पूरी तरह से उच्चाधिकारियों की मिलीभगत है। पत्रकार ने आरोप लगाया है कि विपक्षियों से मोटी रकम लेकर बेवाना पुलिस ने उनका मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न किया है। हालांकि इस मामले में पुलिस अधीक्षक की फटकार के बाद पत्रकार को थाने से छोड़ा गया। शिकायतकर्ता पत्रकार ने बताया कि सुबह से देर रात तक थाने में दलालों का जमघट लगा रहता है। आरोप है गुंडे, बदमाशों और पेशेवर अपराधियों को पकड़ने के बजाय सम्मानित लोगों को एसओ अपमानित कर रहे हैं। एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि शिकायत की जांच कराई जाएगी।

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