अंबेडकर नगर
जिले का बेवाना थानाध्यक्ष की मनमानी की चर्चा क्षेत्र में लगातार आ रही है परंतु पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी के द्वारा संज्ञान में न लेने के कारण बेवाना की जनता परेशान हो रही है। इसी प्रकार एक मामला वरिष्ठ पत्रकार के साथ भी घटित हुआ जिसमें थानाध्यक्ष द्वारा पत्रकार को 5 घंटे तक थाने में बिठाए रखा गया और उनके साथ बदसलूकी भी की गई। उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने के पश्चात छोड़ा गया यह घटना सुनने के पश्चात सभी पत्रकार लामबंद हो गए और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने का मन बनाया पुलिस अधीक्षक के ना होने के कारण एडिशनल एसपी से मुलाकात कर अपनी मांगों को उनके समक्ष रखा गया।
विपक्षियों से पैसा लेकर सम्मानित लोगों को करता है अपमानित
विपक्षियों के दबाव में वरिष्ठ पत्रकार राजितराम पाठक जी को सुबह नौ बजे से थाने में बैठाकर किया अपमानित।
40 साल पुराने विवादित जमीन का राजितराम पाठक के पक्ष में अदालत से है स्थगन आदेश
फिर भी विपक्षी से मोटी रकम लेकर उल्टे पाठक जी को थाने में बैठाया, मानसिक रूप से उत्पीड़न किया।
लेकिन पुलिस प्रशासन सच से डरती है, क्योंकि वह हर मोर्चे पर झूठ में विश्वास रखती है।
समाज को सशक्त, जागरूक और लोकतांत्रिक बनाने में पत्रकारिता की अहम भूमिका होती है। हर परिस्थिति में निर्भीकता तथा निष्पक्षता के साथ ईमानदारी से सत्य के पक्ष में आवाज उठाने का काम पत्रकार ही करते हैं इसीलिए लोगों का भरोसा समाचार पत्रों पर भी रहता है।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने-कुचलने के इन प्रयासों की निंदा करनी चाहिए।
पत्रकारों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो जिले के सारे पत्रकार मिलकर प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
जिले का बेवाना थानाध्यक्ष की मनमानी की चर्चा क्षेत्र में लगातार आ रही है परंतु पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी के द्वारा संज्ञान में न लेने के कारण बेवाना की जनता परेशान हो रही है। इसी प्रकार एक मामला वरिष्ठ पत्रकार के साथ भी घटित हुआ जिसमें थानाध्यक्ष द्वारा पत्रकार को 5 घंटे तक थाने में बिठाए रखा गया और उनके साथ बदसलूकी भी की गई। उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने के पश्चात छोड़ा गया यह घटना सुनने के पश्चात सभी पत्रकार लामबंद हो गए और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने का मन बनाया पुलिस अधीक्षक के ना होने के कारण एडिशनल एसपी से मुलाकात कर अपनी मांगों को उनके समक्ष रखा गया।
विपक्षियों से पैसा लेकर सम्मानित लोगों को करता है अपमानित
विपक्षियों के दबाव में वरिष्ठ पत्रकार राजितराम पाठक जी को सुबह नौ बजे से थाने में बैठाकर किया अपमानित।
40 साल पुराने विवादित जमीन का राजितराम पाठक के पक्ष में अदालत से है स्थगन आदेश
फिर भी विपक्षी से मोटी रकम लेकर उल्टे पाठक जी को थाने में बैठाया, मानसिक रूप से उत्पीड़न किया।
लेकिन पुलिस प्रशासन सच से डरती है, क्योंकि वह हर मोर्चे पर झूठ में विश्वास रखती है।
समाज को सशक्त, जागरूक और लोकतांत्रिक बनाने में पत्रकारिता की अहम भूमिका होती है। हर परिस्थिति में निर्भीकता तथा निष्पक्षता के साथ ईमानदारी से सत्य के पक्ष में आवाज उठाने का काम पत्रकार ही करते हैं इसीलिए लोगों का भरोसा समाचार पत्रों पर भी रहता है।अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने-कुचलने के इन प्रयासों की निंदा करनी चाहिए।
पत्रकारों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो जिले के सारे पत्रकार मिलकर प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।