पहली सोमवारी को शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़

अंबेडकर नगर
सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। 6 जुलाई, सोमवार सावन का पहला दिन है। वैसे भी सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु भोले की भक्ति में लीन होते हैं। हालांकि इस बार हालात अलग हैं। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण मंदिर जाकर दर्शन करना इतना आसान नहीं है। यूं तो सावन के पहले सोमवार पर सुबह शिवालयों में चहल-पहल है।
भक्तों का ताता लगा हुआ है, लेकिन फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है।
 शहजादपुर नगर स्थित शिव मंदिर में सावन मास के पहले दिन मंदिर प्रशासन के नियमों का पालन कर शिवलिंग पर जलाभिषेक करती महिलाएं। मंदिर में शारीरिक दूरी रखा जा रहा विशेष ध्यान।
कांवड़ यात्रियों के लिए आज से अयोध्या की सीमाएं सील हो चुकी है
कोरोना संक्रमण के कारण इस बार कांवड़ यात्रा भी नहीं निकल रही है।  अयोध्या में भी इसी कारण कांवड़ मेला स्थगित कर दिया गया है और  अयोध्या जिले की सीमाएं रविवार रात 12 बजे से कांवड़ यात्रियों के लिए सील कर दी गई हैं। यानी इस बार कोई कावड़ियां पवित्र जल लेने नहीं आ सकेगा। सीमा पर चेक पोस्ट बनाने के साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। निवासियों को आईडी दिखाकर ही जिले में प्रवेश दिया जाएगा।

सावन मास में अंबेडकर नगर से हर साल बड़ी संख्या में शिवभक्त गंगाजल लेने हरिद्वार बनारस अयोध्या और टांडा पहुंचते हैं।  इन स्थानों से गंगा जल भरकर कांवड़ यात्री पैदल और वाहनों से अपने गंतव्यों को रवाना होते हैं। कोरोना के चलते इस बार प्रशासन ने कांवड़ मेला स्थगित करने पर सहमति जताई है।

नहीं चढ़ा सकेंगे प्रसाद, मास्क भी अनिवार्य

 अंबेडकर नगर के शहजाद पुर में कोरोना वायरस को देखते हुए इस बार शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ कम ही रहेगी। वहीं शिवालयों में अभिषेक पूजन करने के लिए मास्क अनिवार्य होगा। इसके बिना मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा और तीन से अधिक की संख्या में भक्तों को प्रवेश की अनुमति मिलेगी। शिव भक्त सिर्फ अभिषेक पूजन कर सकेंगे। पर वे प्रसाद चढ़ा नहीं सकेंगे और न ही मंदिर से उन्हें किसी भी प्रकार का प्रसाद मिलेगा।
 सावन माह के पहले दिन सोमवार का संयोग होने से श्रद्धालु  अंबेडकर नगर के ऐतिहासिक शिव बाबा में दर्शन करने पहुंचे। कोरोना महामारी के चलते विशेष प्रबंध किया गया। बिना जांच के किसी को भी प्रवेश नही दिया गया। जो लोग मास्क नहीं लगाए थे, उन्हें जाने नहीं दिया, इस पर तुरंत ही रुमाल से भक्तों ने मुँह ढंका। बुखार की जांच करके सैनिटाइजर से हाथ धुलवाए गए। मंदिर के दूर से ही भक्तों को दर्शन करने दिया गया।भक्तों ने मंदिर के बाहर पेड़ के नीचे रखे शिवलिंग पर ही जलाभिषेक किया। वहां भीड़ ज्यादा होने पर उस ओर जाने के मार्ग को बंद कर दिया गया।

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