अंबेडकर नगर। श्रावण मास के पहले सोमवार 6 जुलाई को शिवमंदिरों व शिवालयों में होने वाले पूजन अर्चन को लेकर एक दिन पहले ही सभी जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं। साफ-सफाई के साथ ही साज सजावट का कार्य रविवार देर शाम तक पूर्ण कर लिया गया।
कोरोना संकट को देखते हुए अनलॉक-2 में शासन द्वारा गाइडलाइन के अनुसार ही एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु पूजन अर्चन व जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर भी मंदिरों व शिवालयों के व्यवस्थापकों ने एक दिन पहले ही तैयारियां पूरी कर लीं।
गौरतलब है कि 6 जुलाई से पवित्र सावन माह शुरू हो रहा है। पहले ही दिन सोमवार पड़ने के चलते शिवमंदिरों व शिवालयों में पूजन अर्चन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
सावन के पहले सोमवार को होने वाले पूजन अर्चन तथा जलाभिषेक के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए एक दिन पहले ही सभी जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं। न सिर्फ मंदिरों व शिवालयों की साफ सफाई की गई, बल्कि साज सजावट का भी कार्य रविवार देर शाम तक चला। सावन पर्व में होने वाले पूजन अर्चन में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए, इसके लिए श्रद्धालुओं ने सभी जरूरी खरीददारी भी एक दिन पहले ही पूरी कर ली।
पवित्र शिवबाबा के महंत ओमप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि वैसे तो आम दिनों में ही सप्ताह के सोमवार व शुक्रवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन अर्चन के लिए आते हैं। 6 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है।
ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि आने वाले श्रद्धालु न सिर्फ मास्क लगाएं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अकबरपुर नगर के पुराने तहसील तिराहा के निकट स्थित गायत्री मंदिर के पुजारी विद्यासागर पांडेय ने बताया कि पहले ही दिन सोमवार पड़ने से इस बार सावन माह में पांच सोमवार होंगे। कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार एक बार में पांच श्रद्धालुओं को ही पूजन अर्चन गव जलाभिषेक की अनुमति दी जाएगी।
नई सड़क स्थित काली मंदिर के पुजारी अवधेश दास ने कहा कि सावन माह में होने वाली पूजन अर्चन व जलाभिषेक को देखते हुए सभी जरूरी तैयारियां एक दिन पहले ही पूर्ण कर ली गई हैं। इसके अलावा टांडा, जलालपुर, भीटी व आलापुर तहसील क्षेत्र में भी तैयारियां एक दिन पहले पूरी कर ली गईं।
कोरोना संकट को देखते हुए अनलॉक-2 में शासन द्वारा गाइडलाइन के अनुसार ही एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु पूजन अर्चन व जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर भी मंदिरों व शिवालयों के व्यवस्थापकों ने एक दिन पहले ही तैयारियां पूरी कर लीं।
गौरतलब है कि 6 जुलाई से पवित्र सावन माह शुरू हो रहा है। पहले ही दिन सोमवार पड़ने के चलते शिवमंदिरों व शिवालयों में पूजन अर्चन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
सावन के पहले सोमवार को होने वाले पूजन अर्चन तथा जलाभिषेक के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए एक दिन पहले ही सभी जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं। न सिर्फ मंदिरों व शिवालयों की साफ सफाई की गई, बल्कि साज सजावट का भी कार्य रविवार देर शाम तक चला। सावन पर्व में होने वाले पूजन अर्चन में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए, इसके लिए श्रद्धालुओं ने सभी जरूरी खरीददारी भी एक दिन पहले ही पूरी कर ली।
पवित्र शिवबाबा के महंत ओमप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि वैसे तो आम दिनों में ही सप्ताह के सोमवार व शुक्रवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन अर्चन के लिए आते हैं। 6 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है।
ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि आने वाले श्रद्धालु न सिर्फ मास्क लगाएं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अकबरपुर नगर के पुराने तहसील तिराहा के निकट स्थित गायत्री मंदिर के पुजारी विद्यासागर पांडेय ने बताया कि पहले ही दिन सोमवार पड़ने से इस बार सावन माह में पांच सोमवार होंगे। कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार एक बार में पांच श्रद्धालुओं को ही पूजन अर्चन गव जलाभिषेक की अनुमति दी जाएगी।
नई सड़क स्थित काली मंदिर के पुजारी अवधेश दास ने कहा कि सावन माह में होने वाली पूजन अर्चन व जलाभिषेक को देखते हुए सभी जरूरी तैयारियां एक दिन पहले ही पूर्ण कर ली गई हैं। इसके अलावा टांडा, जलालपुर, भीटी व आलापुर तहसील क्षेत्र में भी तैयारियां एक दिन पहले पूरी कर ली गईं।