बढ़ती जनसंख्या का पर्यावरण पर प्रभाव 30 सालों में 15000 वर्ग किलोमीटर जंगल भारत में काटे गए... ज्योति बाबा

वायु प्रदूषण के चलते हर साल 11लाख भारतीय गवा रहे जान...ज्योति बाबा

कानपुर 16 जुलाई। पिछले 20 साल में बढ़ती जनसंख्या के चलते इंसानों ने धरती से पंद्रह सौ करोड़ पेड़ों को काट डाला और हाल के 5 वर्षों में दुनिया में 8% प्रदूषण बढ़ा है परिणाम स्वरूप क्लाइमेट चेंज करने वाले कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन बढ़ा और पूरी दुनिया में तापमान बढ़ने से बाढ़,नई-नई बीमारियां भूस्खलन व खेती योग्य भूमि का वंजरीकरण बढ़कर मानव अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी के सहयोग से कोरोना हटाओ नशा हटाओ हरियाली बढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित वेबीनार शीर्षक "बढ़ती जनसंख्या और हमारा पर्यावरण" पर बोलते हुए अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कहीं,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि हमें जीने योग्य वातावरण बनाए रखने व जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए ठोस उपाय अभी करने होंगे वरना सिर्फ रोगग्रस्त इंसान ही सर्वत्र दिखाई देंगे, भारत में 250 वर्ग किलोमीटर का जंगल हर साल देश में ढांचागत विकास की भेट चढ रहा है,गंगा की डेल्टा पर मौजूद सुंदरबन धरती का प्रमुख प्रदूषण नियंत्रण अब प्रदूषण और जंगल के कटाव की भेंट चढ रहा है।राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व प्रदेश प्रभारी दीपक सोनकर ने कहा कि 43 करोड़ नए घरों का निर्माण 2041 तक बढ़ती आबादी के लिए करना होगा,जो संभव नहीं हो पाएगा। इसीलिए अभी वक्त है हम अपने मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्र के विकास को प्रधान रखते हुए हर स्तर पर देश के प्रत्येक नागरिक को काम करना ही होगा,ऐसा ना होने पर फैली अनैतिकता के कारण एक गुलामी को और धारण करना होगा। मानवाधिकारवादी स्वामी गीता ने कहा कि बढ़ती आबादी के बोझ के तले जच्चा और बच्चा दोनों बीमार होकर परिवार को कर्जगीर बना रहे हैं,डब्ल्यूएचओ के अनुसार वायु व जल प्रदूषण को दूर करने के लिए ठोस उपाय ना किए गए तो कोरोनावायरस जैसे अन्य वायरस को झेलने के साथ तड़प तड़प कर मरने के लिए विवश होना पड़ता रहेगा।फैमिली हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ अजीत सिंह ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नागरिक जिस हवा में सांस लेते हैं उसमें पीएम 2.5 का औसत स्तर सालाना 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम होना चाहिए,जबकि इन्हीं शहरों में यह औसत 100 से 173 माइक्रोग्राम तक बना रहता है। वेबीनार का संचालन 3m एंटरटेनमेंट के अमित गुप्ता व धन्यवाद संविधान रक्षक दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेंद्र कश्यप ने दिया।अन्य प्रमुख चिंतक राकेश चौरसिया,उमेश शुक्ला,दिलीप सैनी,महंत राम अवतार दास इत्यादि थे।

मुन्ना चौरसिया
मीडिया प्रभारी
सोसाइटी योग ज्योति इंडिया

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