पुलिस को चकमा देकर, 10 हजार के इनामियों ने कोर्ट में किया सरेंडर

लंका थाना क्षेत्र में 15 अप्रैल 2020 को दरोगा पर हुए मामले में वांछित चल रहे 10 हजार के इनामी रिचेश सिंह ने अपने अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह की मदद से किया कोर्ट में सरेंडर

कल इसी मामले में 10-10 हजार के इनामी मिंटू यादव और चंद्रशेखर यादव ने भी किया था सरेंडर


वाराणसी। दरोगा पर हमले व अपहरण  के चर्चित मामले में दो इनामी आरोपियों ने बुधवार को पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।


प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपियों ने अपने अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी व पंकज सिंह जरिए आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे। आवेदन में कहा गया कि लंका थाने में दर्ज धारा 323,504,394, 307, 364 आईपीसी में मिंटू यादव नामित अभियुक्त है जबकि चन्द्रशेखर यादव का नाम विवेचना के दौरान प्रकाश में आया हैं। विवेचक प्रार्थीगणों के विरुद्ध धारा 82 की कार्यवाही करने के लिए न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किए हैं ऐसी स्थिति में प्रार्थीगण को न्यायिक अभिरक्षा में लेना न्याय संगत होगा।

ये था मामला-


ज्ञानवापी सुरक्षा में तैनात दरोगा आलोक कुमार सिंह के अनुसार 15 अप्रैल की देर रात वह ड्यूटी से खाली हुए तो सादे कपड़ों में बाइक से अशोकपुरम कॉलोनी स्थित आवास के लिए निकले। बीएचयू के सीर गेट के समीप सड़क पर पल्सर बाइक व स्कूटी सवार तीन युवको ने बिना कुछ कहे ही उनके साथ मारपीट और गालीगलौज शुरू कर दी। इसके बाद तीनों ने उनके 9500 रुपये और बाइक लूट ली व बाइक पर बैठकर जबरन ले गए। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना था कि बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के समीप दरोगा और युवकों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के बाद सिरगोवर्धनपुर में लोगों के बीच मारपीट हुई थी। दरोगा ने इस मामले में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद आजतक पुलिस टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातर छापेमारी की लेकिन आरोपियों को पकड़ नहीं पाये। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने फरार तीनों आरोपियों पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया था।

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