भारत-चीन के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद सरकार पूरी तरह एक्शन में आ गई है. एक के बाद एक भारत के मजबूती और दुश्मन को मात देने के लिए कदम उठा रही है. अब सरकार ने सेना को पूरी तरह माहौल के मुताबिक हथियार चलाने की छूट के बाद हथियार खरीदने की भी छूट दे दी है.
रक्षामंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों और CDS के साथ हुई बैठक के बाद सरकार ने सेना के लिए 500 करोड़ रूपये की इमरजेंसी फंड जारी कर दी है और सेना के लिए बिना किसी टेंडर के ही आवश्यकतानुसार युद्ध स्तर के लिए हथियार प्रणाली को खरीदने का आदेश दे दिया है. चीन के साथ हुई संधि को दरकिनार कर LAC पर फायरिंग की भी छूट दे दी है. रक्षा मंत्री ने सेना को साफ कर दिया है कि चीन की करतूतों का जवाब देने के लिए फायरिंग की जरुरत पड़े तो सेना वो तरीका ही अपनाए. आपको बता दें 1996 में भारत और चीन के बीच हुई थी LAC पर फायरिंग न करने की संधि हुई थी.
रक्षामंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों और CDS के साथ हुई बैठक के बाद सरकार ने सेना के लिए 500 करोड़ रूपये की इमरजेंसी फंड जारी कर दी है और सेना के लिए बिना किसी टेंडर के ही आवश्यकतानुसार युद्ध स्तर के लिए हथियार प्रणाली को खरीदने का आदेश दे दिया है. चीन के साथ हुई संधि को दरकिनार कर LAC पर फायरिंग की भी छूट दे दी है. रक्षा मंत्री ने सेना को साफ कर दिया है कि चीन की करतूतों का जवाब देने के लिए फायरिंग की जरुरत पड़े तो सेना वो तरीका ही अपनाए. आपको बता दें 1996 में भारत और चीन के बीच हुई थी LAC पर फायरिंग न करने की संधि हुई थी.