।। खण्ड सूर्य ग्रहण ।।
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार तद्नुसार 21 जून को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण ( चूड़ामणियोग ) युक्त लगेगा जो भारत में दिखाई देगा ।
यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं उसकी समाप्ति अर्थात मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र से होगी । सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका समय ( भारतीय स्टैण्डर्ड टाईम ) के अनुसार ग्रहण का स्पर्श घं० ९ मि० १६ पर होगा । मध्य घं० १२ मि० १० पर एवं मोक्ष घं० १५ मिनट ४ पर होगा।
श्री शुभ संवत् २०७७ शाके १९४२, आषाढ़ कृष्ण अमावस्या रविवासरे (२१/६/२०२०) काश्यां खण्डग्रास सूर्यग्रहण विवरण( प्रचलित घड़ी के अनुसार )
ग्रहण का स्पर्श दिन में
१० बजकर ३१ मिनट से
ग्रहण का मध्य दिन में
१२ बजकर १८ मिनट
ग्रहण का मोक्ष दिन में
२ बजकर ४ मिनट
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण समय में भारत में पड़ने वाले प्रभाव -
सूर्य चंद्र बुध सूर्य राहु की युति एवं 6 ग्रह वक्री हैं। बुध, गुरु, शुक्र शनि राहु और केतु तथा मृगशिरा नक्षत्र में 4 ग्रहों की युति है ।
तमाम ज्योतिष विज्ञानी की मानें तो इसबार के बन रहे से
इसका परिणाम विश्व के कई देशों में बहुत ही भयानक हो सकते है।
जैसे - आगजनी की समस्या, अनकहीं घटना, युद्ध, आकाशीय घटना, भूकम्प, विकट तूफान, उच्च स्तरीय नेताओं की असामयिक मृत्यु, एवं सीमा पर उठा-पटक की प्रबल संभावना बन सकती है
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह मध्य अफ्रीका, दक्षिणी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, चीन ताइवान, अरब के में, ओमान, पाकिस्तान आदि क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा।
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं मोक्ष (समाप्ति) आर्द्रा नक्षत्र में होगी।
सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका समय (भा. मा. स.) - ग्रहण मे
ध्यान रखें सूर्य ग्रहण समय हर स्थान में अलग - अलग होगा।
काशी में इस खण्डसूर्य ग्रहण का सूतक १२ घंटा पूर्व अर्थात २० जून शनिवार की रात १०/३१ बजे से प्रारम्भ हो जायेगा। शास्त्र नियमों के अनुसार इसका पालन किया जायेगा।
राशियों पर ग्रहण का प्रभाव
मेष- श्री: प्राप्ति
वृष- क्षति
मिथुन- घात:
कर्क- हानि
सिंह - लाभ:
कन्या - सुखम
तुला- अपमान
वृश्चिक - मृत्यु तुल्य कष्ट
धनु- पीड़ा
मकर - सौख्यं
कुंभ - चिंता
मीन - व्यथा
ग्रहण काल के दौरान पूजन, खाना,पानी, सोना आदि निषेध होगा। रोगी, बुजुर्ग और बच्चों के लिए यह नियम नहीं होगा। इस दौरान ईश्वर की आराधना करें।इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और ग्रहण की समाप्ति के बाद खुलेंगे।दोपहर तीन बजे के बाद मंदिर की साफ-सफाई के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुलेंगे।
खण्ड सूर्यग्रहण के समय
ॐ गं गणपतए नमः या
श्री महामृत्युंजय मंत्र या ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें।
यह पूर्ण जानकारी काशी के विद्वान गुरुजी के माध्यम से है
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार तद्नुसार 21 जून को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण ( चूड़ामणियोग ) युक्त लगेगा जो भारत में दिखाई देगा ।
यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं उसकी समाप्ति अर्थात मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र से होगी । सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका समय ( भारतीय स्टैण्डर्ड टाईम ) के अनुसार ग्रहण का स्पर्श घं० ९ मि० १६ पर होगा । मध्य घं० १२ मि० १० पर एवं मोक्ष घं० १५ मिनट ४ पर होगा।
श्री शुभ संवत् २०७७ शाके १९४२, आषाढ़ कृष्ण अमावस्या रविवासरे (२१/६/२०२०) काश्यां खण्डग्रास सूर्यग्रहण विवरण( प्रचलित घड़ी के अनुसार )
ग्रहण का स्पर्श दिन में
१० बजकर ३१ मिनट से
ग्रहण का मध्य दिन में
१२ बजकर १८ मिनट
ग्रहण का मोक्ष दिन में
२ बजकर ४ मिनट
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण समय में भारत में पड़ने वाले प्रभाव -
सूर्य चंद्र बुध सूर्य राहु की युति एवं 6 ग्रह वक्री हैं। बुध, गुरु, शुक्र शनि राहु और केतु तथा मृगशिरा नक्षत्र में 4 ग्रहों की युति है ।
तमाम ज्योतिष विज्ञानी की मानें तो इसबार के बन रहे से
इसका परिणाम विश्व के कई देशों में बहुत ही भयानक हो सकते है।
जैसे - आगजनी की समस्या, अनकहीं घटना, युद्ध, आकाशीय घटना, भूकम्प, विकट तूफान, उच्च स्तरीय नेताओं की असामयिक मृत्यु, एवं सीमा पर उठा-पटक की प्रबल संभावना बन सकती है
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह मध्य अफ्रीका, दक्षिणी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, चीन ताइवान, अरब के में, ओमान, पाकिस्तान आदि क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा।
खण्डग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं मोक्ष (समाप्ति) आर्द्रा नक्षत्र में होगी।
सार्वभौमिक परिदृश्य में इसका समय (भा. मा. स.) - ग्रहण मे
ध्यान रखें सूर्य ग्रहण समय हर स्थान में अलग - अलग होगा।
काशी में इस खण्डसूर्य ग्रहण का सूतक १२ घंटा पूर्व अर्थात २० जून शनिवार की रात १०/३१ बजे से प्रारम्भ हो जायेगा। शास्त्र नियमों के अनुसार इसका पालन किया जायेगा।
राशियों पर ग्रहण का प्रभाव
मेष- श्री: प्राप्ति
वृष- क्षति
मिथुन- घात:
कर्क- हानि
सिंह - लाभ:
कन्या - सुखम
तुला- अपमान
वृश्चिक - मृत्यु तुल्य कष्ट
धनु- पीड़ा
मकर - सौख्यं
कुंभ - चिंता
मीन - व्यथा
ग्रहण काल के दौरान पूजन, खाना,पानी, सोना आदि निषेध होगा। रोगी, बुजुर्ग और बच्चों के लिए यह नियम नहीं होगा। इस दौरान ईश्वर की आराधना करें।इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और ग्रहण की समाप्ति के बाद खुलेंगे।दोपहर तीन बजे के बाद मंदिर की साफ-सफाई के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुलेंगे।
खण्ड सूर्यग्रहण के समय
ॐ गं गणपतए नमः या
श्री महामृत्युंजय मंत्र या ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें।
यह पूर्ण जानकारी काशी के विद्वान गुरुजी के माध्यम से है