संबल योजना ने अनीता बाई के गम के आंसू पोछ दिए, ओर दिया खुशी का नया सवेरा
रितिक माली
मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ तहसील के गांव मुंदेडी की रहने वाली अनीता बाई पति देवीलाल की दयनीय स्थिति बहुत खराब है। अनीता बाई के पति की मृत्यु मात्र 45 वर्ष की उम्र में सामान्य मृत्यु हो गई। इनके पति मिस्त्री का काम करते थे। जिससे पूरे घर का खर्चा चलता था। मिस्त्री के काम से ही इनके सभी बच्चे स्कूल में भी पढ़ रहे थे तथा खुशी-खुशी अपना परिवार चल रहा था। इनके दो बालक है। इनके बालक कक्षा 12वीं व बीए की पढ़ाई में अध्ययनरत है। इनका परिवार सुख शांति के साथ चल रहा था। लेकिन अचानक दुर्भाग्यवश इनके पति का देहांत हो गया। जिस वजह से इनका पूरा परिवार दुःख से टूट गया। इनके पास में मात्र 3 बीघा जमीन है। जिसमें भी उत्पादन बहुत कम होता है। यह किसी तरह से खेती एवं मजदूरी करके अपने जीवन का गुजारा कर रही हैं। अनीता बाई बताती हैं कि पति की मृत्यु के पश्चात हमें शासन से विधवा पेंशन भी स्वीकृत हो गई जिसका भी लाभ हमें मिलेगा। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना संबल इनके लिए वरदान साबित होकर सामने आयी। अनिता बाई द्वारा जनपद पंचायत में इस योजना के अंतर्गत आवेदन दिया गया। आवेदन देने के पश्चात इन्हें इस योजना से 2 लाख की सहायता राशि मंजूर हुई। इस दुख की घड़ी में यह 2 लाख इनके लिए सहारा बने। अब इन पैसों के माध्यम से इनके बच्चे आगे की पढ़ाई अच्छे से कर रहे है। साथ ही परिवार की नैया भी अच्छे से आगे बढ़ रही है। यह कहते हैं कि इस तरह की योजना गरीबों के लिए वरदान की तरह काम करती हैं। इस दुःख की घड़ी में सरकार ने हमरी मदद करी। ऐसी सरकार को हम कभी नहीं भूल सकते। इसके लिए सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद।
रितिक माली
मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ तहसील के गांव मुंदेडी की रहने वाली अनीता बाई पति देवीलाल की दयनीय स्थिति बहुत खराब है। अनीता बाई के पति की मृत्यु मात्र 45 वर्ष की उम्र में सामान्य मृत्यु हो गई। इनके पति मिस्त्री का काम करते थे। जिससे पूरे घर का खर्चा चलता था। मिस्त्री के काम से ही इनके सभी बच्चे स्कूल में भी पढ़ रहे थे तथा खुशी-खुशी अपना परिवार चल रहा था। इनके दो बालक है। इनके बालक कक्षा 12वीं व बीए की पढ़ाई में अध्ययनरत है। इनका परिवार सुख शांति के साथ चल रहा था। लेकिन अचानक दुर्भाग्यवश इनके पति का देहांत हो गया। जिस वजह से इनका पूरा परिवार दुःख से टूट गया। इनके पास में मात्र 3 बीघा जमीन है। जिसमें भी उत्पादन बहुत कम होता है। यह किसी तरह से खेती एवं मजदूरी करके अपने जीवन का गुजारा कर रही हैं। अनीता बाई बताती हैं कि पति की मृत्यु के पश्चात हमें शासन से विधवा पेंशन भी स्वीकृत हो गई जिसका भी लाभ हमें मिलेगा। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना संबल इनके लिए वरदान साबित होकर सामने आयी। अनिता बाई द्वारा जनपद पंचायत में इस योजना के अंतर्गत आवेदन दिया गया। आवेदन देने के पश्चात इन्हें इस योजना से 2 लाख की सहायता राशि मंजूर हुई। इस दुख की घड़ी में यह 2 लाख इनके लिए सहारा बने। अब इन पैसों के माध्यम से इनके बच्चे आगे की पढ़ाई अच्छे से कर रहे है। साथ ही परिवार की नैया भी अच्छे से आगे बढ़ रही है। यह कहते हैं कि इस तरह की योजना गरीबों के लिए वरदान की तरह काम करती हैं। इस दुःख की घड़ी में सरकार ने हमरी मदद करी। ऐसी सरकार को हम कभी नहीं भूल सकते। इसके लिए सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद।