जाकिर अंसारी व सहयोगी अब्दुल वहाब जी को कोरोना योद्धा उपाधि से सम्मानित किया गया


पत्रकार प्रेस परिषद के प्रदेश महासचिव शादाब अली द्वारा   आज देहरादून में कोरोना महामारी में समाजसेवी के रूप में अपनी भागीदारी निभाने वाले जाकिर अंसारी व सहयोगी अब्दुल वहाब जी को कोरोना योद्धा उपाधि से सम्मानित किया गया।

और वैसे भी शादाब अली शुरू से ही बहुत सुर्खियों में रहे हैं क्योंकि वो हमेशा से ही एक बेजुबान पशुओं के भी मसीहा बनकर साबित हुए हैं आखिर उत्तराखंड के अंदर एक मुस्लिम समाज से  होते हुए व भारतीय गौ रक्षा वाहिनी में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश प्रभारी के पद पर रहते हुए उन्होंने जो कार्य बेजुबान जानवरों के लिए  किए हैं वाकई तारीफे काबिल है। और हर एक अधिकारी की जुबा से लेकर उनकी नजरों में इनका चेहरा है चाहे वह एक बेजुबान जानवर प्रति रहा हो और चाहे इंसानियत का रहा हो दूर से ही इनकी इंसानियत झलकती है जो कि यह हर वक्त  पुलिस के सहयोग से अपने निजी खर्चे से कई जानवरों को उनके स्थान पर भेजने का कार्य खुद ही किया है। यहां तक की मरे हुए पशुओं को भी अपने बिना स्वास्थ्य लाभ के निजी खर्चे से उनको भी गाड़ी में लदवाकर उनके को भी दफनाने का काम भी किया है। इसी लिए शादाब अली एक मसीहा साबित हुए हैं। वही इस कोरोना जैसी महामारी आपदा में भी अब समाजसेवी से लेकर पुलिस डॉक्टर सफाई कर्मी सरकारी कर्मचारियों को भी सम्मानित करने में  पीछे नहीं हट रहे।


देहरादून से विनोद नेगी के साथ आफताब की खास रिपोर्ट

पत्रकार प्रेस परिषद के प्रदेश महासचिव शादाब अली द्वारा डॉक्टर पुलिस सफाई कर्मियों व पत्रकारों को कोरोना योद्धा

उपाधि से सम्मानित किया गया जा रहा है वही आज  देहरादून के समाजसेवी जाकिर अंसारी व सहयोगी अब्दुल वहाब जी को कोविड-19 में कोरोना योद्धा सर्टिफिकेट देकर उनका भी  सम्मान बढ़ाने का काम किया है।

इस मौके पर शादाब अली ने कहा पत्रकार देश का चौथा स्तंभ होता है लेकिन आज इस चौथे स्तंभ की हालत दयनीय है यह चौथा स्तंभ बिना किसी लालच के अपनी जान की परवाह ना करते हुए इस कोरोना जैसी महामारी में भी सभी लोगों को पल-पल की खबरें देना वाकई काबिले तारीफ है जब लाक डाऊन के समय में सभी लोग क्रोना जैसी महामारी के डर से अपने घरों में थे तब हमारे पत्रकार साथी डॉक्टर पुलिस सरकारी कर्मचारी समाजसेवी व नेताओं सफाई कर्मी अपनी जान की परवाह ना कर कर एक सैनिक की तरह कोरोना जैसी महामारी के सामने सीना तान कर खड़े थे।

 शादाब अली लगातार गरीब लोगों से लेकर सरकारी कर्मचारी पुलिस डॉक्टर को भी एक सम्मान देकर उनके हौसले बढ़ाने के साथ-साथ उनको ट्रॉफी व पेन से नवाजने का काम कर रहे है पत्रकार शादाब अली भी अपनी कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह न करते हुए भी सबके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते आ रहे  और सभी के सभी का सम्मान बढ़ाने का काम कर रहे हैं जो कि बगैर वेतन के अपनी इस महामारी में अपनी जान की परवाह न करते हुए भी हर एक समाजसेवी से लेकर हर एक आदमी को सम्मान देने का काम कर रहे हैं।

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