अंबेडकर नगर_देवा पांडेय
मुख्यालय के आसपास में स्वच्छता अभियान की धज्जियां खुद अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के साथ आमलोग उड़ा रहे हैं। मुख्यालय के आस पास परिसर के दीवारों के साथ-साथ चढ़ने वाले सीढ़ियों के फ्लोर पर पान गुटका खाकर जहां तहां गंदगी फैलाया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि लाखों की लागत से मुख्यालय का निर्माण कराया गया था। एक तरह देश में कोरोना वायरस से लोग परेशान हैं तो दूसरी तरफ मुख्यालय के फ्लोर की सीढ़ियां पर पीकदानी नहीं होने की वजह पड़े लिखे लोग भी मन्दिर जैसे परिसर को पान खाकर गन्दा करके स्वच्छता अभियान में बाधक बन रहे हैं। वही विभागीय लोग भी इसे देख लेकर गम्भीर नहीं है। कई महत्वपूर्ण विभाग के हेडऑफिस हैं। जिसमें हर दिन फ्लोर की सीढ़ीयों से कृषि विभाग के अधिकारी व अन्य हर दिन उसी सीढ़ीयों से गुजरते हैं।
कहने को तो यहां सफ़ाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए दैनिक मजदूर रखा गया है लेकिन सफाई कर्मी की अकर्मण्यता और लाट साहबी के चलते सफाई व्यवस्था अपने उद्देश्य से कोसो दूर है। लिहाजा आलम ये है कि कृषि से संबंधित कार्य के लिए आने वाले लोग यहां व्याप्त गंदगी से ही बीमार हो रहे है।
लोग कृषि विभाग में आते ही नाक भौंह सिकोड़ते नजर आ रहे है। कृषि विभाग के भवन के अंदर ही शौचालय को देखकर यह नहीं लगता कि इसका प्रयोग किया जा रहा है परंतु वास्तविकता यह है कि लोग इस गंदगी के मंजर में अंदर जाने को मजबूर हैं।
मुख्यालय के आसपास में स्वच्छता अभियान की धज्जियां खुद अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के साथ आमलोग उड़ा रहे हैं। मुख्यालय के आस पास परिसर के दीवारों के साथ-साथ चढ़ने वाले सीढ़ियों के फ्लोर पर पान गुटका खाकर जहां तहां गंदगी फैलाया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि लाखों की लागत से मुख्यालय का निर्माण कराया गया था। एक तरह देश में कोरोना वायरस से लोग परेशान हैं तो दूसरी तरफ मुख्यालय के फ्लोर की सीढ़ियां पर पीकदानी नहीं होने की वजह पड़े लिखे लोग भी मन्दिर जैसे परिसर को पान खाकर गन्दा करके स्वच्छता अभियान में बाधक बन रहे हैं। वही विभागीय लोग भी इसे देख लेकर गम्भीर नहीं है। कई महत्वपूर्ण विभाग के हेडऑफिस हैं। जिसमें हर दिन फ्लोर की सीढ़ीयों से कृषि विभाग के अधिकारी व अन्य हर दिन उसी सीढ़ीयों से गुजरते हैं।
कहने को तो यहां सफ़ाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए दैनिक मजदूर रखा गया है लेकिन सफाई कर्मी की अकर्मण्यता और लाट साहबी के चलते सफाई व्यवस्था अपने उद्देश्य से कोसो दूर है। लिहाजा आलम ये है कि कृषि से संबंधित कार्य के लिए आने वाले लोग यहां व्याप्त गंदगी से ही बीमार हो रहे है।
लोग कृषि विभाग में आते ही नाक भौंह सिकोड़ते नजर आ रहे है। कृषि विभाग के भवन के अंदर ही शौचालय को देखकर यह नहीं लगता कि इसका प्रयोग किया जा रहा है परंतु वास्तविकता यह है कि लोग इस गंदगी के मंजर में अंदर जाने को मजबूर हैं।