अम्बेडकर नगर- डीजल के लगातार बढ़ते दाम के बीच धान का सरकारी रेट सिर्फ 53 पैसे प्रति किलो बढ़ा है, जबकि दो साल से गन्ने के रेट में एक रुपये का भी इजाफा नहीं किया गया. इस तरह 2022 तक कैसे दोगुनी हो पाएगी किसानों की आय?
देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दाम में 6 जून से चल रहा इजाफा लगातार 20वें दिन भी जारी रहा. कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा ने आकलन किया है कि कृषि बहुल प्रदेश उत्तर प्रदेश में डीजल का दाम बढ़ने से किसानों (Farmers) पर 1100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ चुका है. 6 से 23 जून तक 17 दिन की बढ़ोत्तरी पर कृषि लागत 1600 रुपये प्रति एकड़ बढ़ने का अनुमान है. इसी तरह आप खुद अन्य प्रदेशों में भी डीजल के दाम (Diesel Rate) में वृद्धि से कृषि लागत बढ़ने का अनुमान लगा सकते हैं.
*लॉकडाउन में करीब 18 रुपये बढ़ा डीजल का दाम*
अपने देश में 24 मार्च को लॉकडाउन (Lockdown) हुआ था. इसके दो दिन बाद 26 मार्च को दिल्ली में डीजल का रेट 62.29 रुपये प्रति लीटर था. जबकि आज 26 जून को यहां पर इसका रेट 80.19 रुपए हो गया है. यानी तीन माहीने में 17 रुपये 90 पैसे की वृद्धि हुई है.
यह खरीफ की मुख्य फसल धान का सीजन है. जिसका ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है. धान की गड़ाई के लिए ट्रैक्टर के जरिए रोटावेटर से लेवा करने से लेकर बाद में उसमें पानी चलाने तक का काम डीजल से मशीन चलाकर होना है. अकेले डीजल की वजह से ही इस साल इनपुट कॉस्ट कितनी बढ़ जाएगी, आईए इसे सरकारी बाबुओं की भाषा से अलग आम लोगों के अंदाज में समझते हैं.
डीजल-पेट्रोल के दाम में लगातार 20वें दिन भी इजाफा हुआ है
-डीजल इंजन पंपिंग सेट से पानी चलाने का रेट पिछले साल 150 रुपये प्रति घंटा था, जो अब बढ़कर 220 रुपये हो गया है. इसकी बड़ी वजह डीजल का बढ़ता दाम है.
देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दाम में 6 जून से चल रहा इजाफा लगातार 20वें दिन भी जारी रहा. कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा ने आकलन किया है कि कृषि बहुल प्रदेश उत्तर प्रदेश में डीजल का दाम बढ़ने से किसानों (Farmers) पर 1100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ चुका है. 6 से 23 जून तक 17 दिन की बढ़ोत्तरी पर कृषि लागत 1600 रुपये प्रति एकड़ बढ़ने का अनुमान है. इसी तरह आप खुद अन्य प्रदेशों में भी डीजल के दाम (Diesel Rate) में वृद्धि से कृषि लागत बढ़ने का अनुमान लगा सकते हैं.
*लॉकडाउन में करीब 18 रुपये बढ़ा डीजल का दाम*
अपने देश में 24 मार्च को लॉकडाउन (Lockdown) हुआ था. इसके दो दिन बाद 26 मार्च को दिल्ली में डीजल का रेट 62.29 रुपये प्रति लीटर था. जबकि आज 26 जून को यहां पर इसका रेट 80.19 रुपए हो गया है. यानी तीन माहीने में 17 रुपये 90 पैसे की वृद्धि हुई है.
यह खरीफ की मुख्य फसल धान का सीजन है. जिसका ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है. धान की गड़ाई के लिए ट्रैक्टर के जरिए रोटावेटर से लेवा करने से लेकर बाद में उसमें पानी चलाने तक का काम डीजल से मशीन चलाकर होना है. अकेले डीजल की वजह से ही इस साल इनपुट कॉस्ट कितनी बढ़ जाएगी, आईए इसे सरकारी बाबुओं की भाषा से अलग आम लोगों के अंदाज में समझते हैं.
डीजल-पेट्रोल के दाम में लगातार 20वें दिन भी इजाफा हुआ है
-डीजल इंजन पंपिंग सेट से पानी चलाने का रेट पिछले साल 150 रुपये प्रति घंटा था, जो अब बढ़कर 220 रुपये हो गया है. इसकी बड़ी वजह डीजल का बढ़ता दाम है.