लंबे पैमाने पर हो रही उपनिबंधक कार्यालय में स्टांप चोरी

अंबेडकर नगर
रजिस्ट्री कार्यालयों के माध्यम से लोग धड़ल्ले से स्टांप चोरी कर रहे हैं, जिससे शासन को करोड़ों रुपये की राजस्व की हानि हो रही है। इस चोरी से लाखों रुपये की वसूली हर माह विभाग की ओर से भी की जा रही है। किसी भी कार्यालय में रजिस्ट्री कराने के लिए आप गए तो विभागीय कर्मचारी बैनामा कराने के नाम से भी कुछ धनराशि जरूर वसूल लेगा। इससे सरकार को घाटा उठाना पड़ रहा है। हर रजिस्ट्री विभाग में दलाल किस्म के लोग अक्सर कार्यालयों के आसपास चक्कर लगाते रहते हैं। जबकि शासन का सख्त निर्देश है कि किसी भी कीमत पर स्टांप ड्यूटी की चोरी न की जाए।
बैनामा कराने के मामले में खरीदारों द्वारा किया गया स्टाम्प चोरी का मामला अब सीएम दरबार में पहुंचा है। भूमि के खरीदारों ने चकमार्ग को छिपा कर जमीन का बैनामा करा लिया है और स्टाम्प को बचा लिया। इस मामले की जानकारी जब अन्य लोगों को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत की, अकबरपुर में उपनिबंधक के पद पर नियुक्त उपनिबंधक दिनेश चंद्र यादव के कार्यकाल में दस्तावेज संख्या 5273 /18, 5279/ 18, 61 95 /18 ,64 93/ 18 का पंजीकरण हुआ चारों दस्तावेजों में गाटा संख्या (आबादी संख्या- 295)के ही हैं दस्तावेज संख्या 6195 / 18 जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया संचालित था जिस का मूल्यांकन डर के अनुसार उचित दर पर किया गया दस्तावेज संख्या 5273 / 18 में  ह्रास मूल्य लगाया गया है। जोकि जायज नहीं है। यह दस्तावेज के द्वारा जो संपत्ति विक्रय की गई वह संपत्ति व्यवसायिक प्रयोजन में थी क्योंकि इसके पूर्व विक्रेता के किराएदार रहते थे उसके बाद उसी में कोचिंग संस्थान का भी संचालन होता था साथ ही साथ इस भूमि के उत्तर तरफ गली नगर पालिका जो आरसीसी से निर्मित है इसका छिपाव भी दस्तावेज में किया गया। दस्तावेज संख्या 6195 / 18 जिस पर उच्चतम दर लगाया गया है पंजीकरण होने के पश्चात दस्तावेज संख्या 64 93 /18 का पंजीकरण हुआ। पंजीकरण होने के पश्चात उपनिबंधक द्वारा न्यूनतम दर पर पंजीकरण किया गया जो स्टांप चोरी में उपनिबंधक की संलिप्तता को प्रतीत करता है। विकृत आराजी राजस्व ग्राम जोहरडीह मुरादाबाद परगना तहसील अकबरपुर जनपद अंबेडकर नगर के मुख्यालय में स्थित व्यवसायिक भूमि है महज व्यवसायिक गतिविधियां भी संचालित है इसका कोई भी जिक्र किसी भी दस्तावेज में नहीं किया गया जिसका जिक्र करना स्टांप देवता को प्रभावित कर सकता था नगर पालिका की आरसीसी सड़क की चौहद्दी में रास्ता दिखाया गया और कच्चे रास्ते की दर्द के अनुसार उक्त दस्तावेज का मूल्यांकन भी किया गया जबकि उपनिबंधक महोदय को स्पष्ट रुप से पता था कि नगर पालिका सीमा के अंतर्गत नगर पालिका के रास्ते अब कच्चे नहीं रह गए। इस प्रकार उपनिबंधक दिनेश चंद्र यादव द्वारा राजस्व की क्षति पहुंचाने वह अपने व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य उसे दस्तावेजों का पंजीकरण निर्धारित मूल्य से कम मूल्य पर किया गया।
 इस प्रकार उपनिबंधक की मिलीभगत से  स्टांप चोरी की जा रही है ।
 अगर जांच की जाए तो करोड़ रुपये की स्टांप चोरी का खुलासा  होगा।

देवा पांडे नगर संवाददाता 

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