शादाब अली के साथ जे एन शुक्ला की रिपोर्ट
उस्मानपुर पट्टी के प्रधान प्रमोद शुक्ला पर फिर लगाया लोगों ने कॉलोनियों व शौचालय ना देने का आरोप
उन लोगों का इतना भी कहना है कि अगर शौचालय की जांच करा दी जाए तो मानक के अधीन कमियां तो पाई जाएंगी लेकिन शौचालय आधे भी नहीं बने हैं सकेट्री और
वीडियो हर गांव में इस तरह से पंजे जमाए हुए हैं कि गरीब लोगों का जीना दुश्वार बना हुआ
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गरीब लोगों के लिए चाहे आवास हो और चाहे शौचालय गरीबों को प्रधानमंत्री जी ने दिया तो दिल खोल कर पर यहां बैठे मठाधीश अधिकारी व कर्मचारी खूब जमकर गरीब लोगों पर मचाए हुए हैं अत्याचार उन्नाव जिले में ब्लॉक फतेहपुर 84 तहसील सफीपुर के अंतर्गत उस्मानपुर पट्टी के प्रधान का देखिए काला कारनामा आखिर इन बुजुर्गों रहने के लिए छत तक नहीं है और कॉलोनी से नाम भी गयाब है साहब व शौचालय पर भी दबंग प्रधानों का डाका आखिर यह फरियादी जाएं तो कहां जाएं हर एक ग्राम सभा में जमकर मचाए हुए हैं प्रधान व सेक्रेटरी रिश्वतखोरी अगर यह बेचारे किसी का दरवाजा खटखटाने भी हैं तो इन्हें उल्टा फंसाने की धमकी के साथ-साथ और कालोनियों से लेकर शौचालय तक है मजबूर अब देखना यह होगा कि क्या कार्रवाई होती है या फिर यह भी एक कागजों में दफन हो जाएगी।
उस्मानपुर पट्टी के प्रधान प्रमोद शुक्ला पर फिर लगाया लोगों ने कॉलोनियों व शौचालय ना देने का आरोप
उन लोगों का इतना भी कहना है कि अगर शौचालय की जांच करा दी जाए तो मानक के अधीन कमियां तो पाई जाएंगी लेकिन शौचालय आधे भी नहीं बने हैं सकेट्री और
वीडियो हर गांव में इस तरह से पंजे जमाए हुए हैं कि गरीब लोगों का जीना दुश्वार बना हुआ
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गरीब लोगों के लिए चाहे आवास हो और चाहे शौचालय गरीबों को प्रधानमंत्री जी ने दिया तो दिल खोल कर पर यहां बैठे मठाधीश अधिकारी व कर्मचारी खूब जमकर गरीब लोगों पर मचाए हुए हैं अत्याचार उन्नाव जिले में ब्लॉक फतेहपुर 84 तहसील सफीपुर के अंतर्गत उस्मानपुर पट्टी के प्रधान का देखिए काला कारनामा आखिर इन बुजुर्गों रहने के लिए छत तक नहीं है और कॉलोनी से नाम भी गयाब है साहब व शौचालय पर भी दबंग प्रधानों का डाका आखिर यह फरियादी जाएं तो कहां जाएं हर एक ग्राम सभा में जमकर मचाए हुए हैं प्रधान व सेक्रेटरी रिश्वतखोरी अगर यह बेचारे किसी का दरवाजा खटखटाने भी हैं तो इन्हें उल्टा फंसाने की धमकी के साथ-साथ और कालोनियों से लेकर शौचालय तक है मजबूर अब देखना यह होगा कि क्या कार्रवाई होती है या फिर यह भी एक कागजों में दफन हो जाएगी।