एक तरफ़ जहां देश का गरीब किसान वैश्विक महामारी के चलते खासा परेशान है तो दूसरी तरफ़ सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी छोलाछाप डॉक्टरों का कहर भी गरीबों पर बन्द नहीं हो रहा। गत दिवस एक छोला छाप डाक्टर ने एक महिला मरीज़ को ग़लत इंजेक्शन लगा दिया। जिसके चलते उसकी हालत गंभीर हो गई।
पूरा मामला है, तन्ना गाड़ा मजरा जिरिकपुर निवासी राजा राम पुत्र खुमान अपनी पत्नी की तबीयत खराब होने पर दवा इलाज कराने के लिए मदार नगर में अपना क्लीनिक चलाने वाले छोला छाप डॉक्टर राजकुमार राठौर के यहां पहुंचा। छोला छाप डॉक्टर ने मरीज़ को देखने के बाद दवा दी और इंजेक्शन लगा के फीस लेके चलता कर दिया। घर पहुंचते ही राजाराम की पत्नी की हालत गंभीर हो गई। हालत बिगड़ने पर पीड़ित ने पुलिस सहायता 112 डॉयल किया। पुलिस ने आनन फानन में एम्बुलेंस बुलवा के पीड़िता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांगरमऊ पहुंचाया। जहां उसे इमरजेंसी में भर्ती कराकर इलाज कराया गया। जैसे तैसे करके उसकी जान बची। राजाराम पर मामला आगे ना बढ़ाने के लिए डॉक्टर और उसके हिमायतियों द्वारा दबाव डाला जा रहा है। सूत्रों की माने तो छोला छाप डॉक्टर राठौर इसके अतिरिक्त भी कई बार मरीजों की जान जोख़िम में डाल चुका है। आए दिन कोई ना कोई इन छोला छाप डॉक्टरों के गोरख धंधे की भेंट चढ़ता है। अब प्रश्न ये उठता है कि इन छोला छाप डॉक्टरों की जनपद का स्वास्थ्य विभाग कोई ख़बर लेगा या आंखे मूंद कर तमाशा देखता रहेगा। सुनने में तो ये भी आया है कि स्वास्थ्य महकमे के कुछ अधिकारियों से भी इन छोला छापों की अच्छी खासी सांठ गांठ है। जिसके चलते इनका खेल खूब फलता फूलता है।