कोतवाल सदर की सह पर एस आई पान सिंह ने महिला पत्रकार को अपमानित किया पत्रकार बैठे देखते रहे तमाशा

कोतवाली में जड़े जमा चुके पत्रकार ने एक महिला पत्रकार की छवि गलत तरह से पेश कर कोतवाली में कोतवाल व एस आई पान सिंह से अपमानित कराने का रचाषड्यंत्र


लखीमपुर-खीरी। जिले की एक मात्र चर्चित बेबाक निडरता से खबर लिख कर पत्रकारिता में एक अलग छवि बना चुकी लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र की ब्यूरो प्रमुख महिला पत्रकार सुनहरा की कामयाबी लोगों को रास नहीं आ रही है।जिसका परिणाम 24 अप्रैल को उस समय देखने को मिला जब एक महिला सिपाही की बुलावे पर पत्रकार सुनहरा लाक डाउन का पालन करते हुए कोतवाली पहुंच महिला सिपाही से बात कर रही थी तभी उन्होंने देखा एस आई पान सिंह उनके रिपोर्टरों को धमका रहे हैं तेज आवाज सुन जब ब्यूरो प्रमुख सुनहरा बाहर निकल एस आई पान सिंह से वजह जाननी चाही तो पान सिंह आगबबूला हो कर गेट आउट लाक अप में बंद कर देंगे तुम्हारे ऐसे पत्रकार बहुत देखें है आदि शब्द कह अपमानित किया और कोतवाल भी कह रहे बाहर जाओ वहां पर हर समय बैठे रहने वाले पत्रकार जो महिला पत्रकार की व्यक्तिगत जिंदगी में घुसकर उसकी गलत तरीके की छवि पेश कर अपने को ऊंचा दिखाते हैं ‌इन कोतवाली की परिक्रमा करने वाले पत्रकारों और अपने रिपोर्टर के सामने कोतवाली में कोतवाल व एस आई पान सिंह ने जो अपमान किया है।उससे महिला पत्रकार काफी आहत हैं जो मानसिक रूप से काफी परेशान हैं लगातार जिला छोड़ अन्य जिला सीतापुर जनपद बस्ती में पत्रकारों में इस घटना को लेकर रोष ब्याप्त है। लगातार पत्रकारो के फोन आ रहे हैं हर तरफ से समर्थन मिल रहा है लेकिन महिला पत्रकार इस बात से और दुःखी है की क्या मामला था क्या दिखाने में जुटी है पुलिस कोतवाल साहब बता रहे हैं मैं घटना के वक्त बाहर था जो जरा सरासर गलत है उनके सामने पान सिंह ने बेइज्जत किया मैं अपने आप कोतवाली नहीं गई महिला सिपाही के बुलाने पर गई अकेली गई रिपोर्टर बाहर रहे और मो0 हिदायत नगर का नाम लेकर मामले को घुमाया जा रहा है। जबकि न मैं और न हीं मेरा कोई रिपोर्टर हिदायत नगर का है। कोतवाल साहब मौजूद थे पत्रकारों का जमावड़ा था उन्हीं के सामने पान सिंह ने मेरा अपमान किया कोतवाल ने स्वयं कहा कि जाओ और कोतवाली में कोतवाल की गाड़ी खड़ी थी और वह भी कुर्सी पर बैठे थे मुझे लाक अप में बंद करने के लिए पान सिंह अपनी कुर्सी छोड़ कर आएं  घटना को मोड़ने के लिए तरह तरह के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं कहा जा रहा है मैं हिदायत नगर की रहने वाली हूं। कोतवाल साहब थे नहीं तीन लोग सीधे कोतवाली के अंदर गए यह बातें झूठी हैं मेरा अपमान हुआ कोतवाल की मौजूदगी पर कोतवाल साहब कि शह पर हुआ सुनहरा एक महिला पत्रकार थी तो इस तरह से अपमानित किया गया अन्य महिला के साथ इसी तरह का ब्यवहार किया जाता होगा और यह कहा से सही है पूरा दिन कोतवाली में बैठकर दलाली की दुकान चलाने वालेले किस समय खबर बनाते हैं इनकी कितनी खबरों से समाज का भला हुआ यह पत्रकार हैं कोतवाली में दिन भर बैठाया जाता है। कोतवाली में पुलिस मिले चाहे न मिले लेकिन यह पत्रकार हर समय वहां मिलेंगे महिला पत्रकार की हर रोज खबर आती है मेहनत कर अपनी व अपने पेपर को जिले में पहचान दी इस महिला पत्रकार को कोतवाल व एस आई पान सिंह नहीं जानते। उनकी नजर के सामने रहने वाले पत्रकार हैं बाकी नहीं बात यह है अगर इसी तरह से पत्रकारों का अपमान होता रहा तो पत्रकारिता का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा लोग पत्रकारिता के नाम से डरने लगेंगे चंद्र दलाल पत्रकार अपनी दलाली की दुकान जमकर चलाएंगे जिसको यह महिला पत्रकार होने नहीं देगी इसने प्रण किया है चाहे कुछ हो जाए इन पत्रकारों को कोतवाली चौकी मैं डेरा नहीं जमाने दूंगी और पुलिस द्वारा जो इस महिला पत्रकार के साथ हुआ है वह अन्य किसी के साथ ना हो इस पर भी जोर देकर कार्यवाही का मन बना चुकी है।

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