सहानुभूति समाचार पत्र के प्रधान संपादक गिरीश चंद्र कुशवाहा चढ़े फर्जी मुकदमे की भेंट, पत्रकारों में छाया आक्रोश

पेजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक के विरुद्ध तहसीलदार बिलग्राम ने लिखाया फर्जी मुकदमा, उत्तर प्रदेश के पत्रकारों में सरकार के प्रति भड़का आक्रोश

प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक दैनिक सहानुभूति समाचार पत्र लखनऊ एवं हरदोई संस्करण एवं एसबी 24 न्यूज़ के प्रबंधक गिरीश चंद कुशवाहा कोरोना प्रकरण को लेकर अपने गृह जनपद मल्लावा हरदोई में इस समय निवास कर रहे हैं
 मल्लावां के कुछ स्थानीय पत्रकारों द्वारा बीएन इंटर कॉलेज भगवंत नगर मल्लावां हरदोई में 37 कोरनटिन किए गए लोगों  को तहसील प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी समय से भोजन और दूध ना उपलब्ध कराए जाने की खबर मिलने पर जब वे सेंटर पर पहुंचे तो पहले से बैठे तहसीलदार कुर्सी पर बैठे थे।
 जब वहां की व्यवस्था के विषय में उनसे पूछा गया तो पत्रकारों के साथ अभद्रता करने लगे, जिसकी शिकायत श्री कुशवाहा द्वारा भारत के प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ट्वीट करके कई समाचार पत्रों में इसका समाचार प्रकाशित किया गया था।
 जिससे बौखलाए तहसीलदार  अवनींद्र कुमार शुक्ला उप जिला अधिकारी बिलग्राम को भेजकर रात को 11:00 बजे तक सुलह का दबाव मल्लावा कोतवाली में कोतवाल कमलेश द्वारा और नगर पालिका अधिशासी अधिकारी मुकेश निगम द्वारा बनाया गया कि सुलह कर लो। जब गिरीश चंद कुशवाहा ने सुलह करने से मना कर दिया तो 30 अप्रैल  को एक फर्जी मुकदमा अपराध संख्या 127/ 2020 धारा 186/ 506 IPC के अंतर्गत दर्ज करा दिया गया।

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