आरक्षी ड्राइवर और एक सिपाही खुद को समझते कमिशनर

पापी इन्स्पेक्टर दागी दरोगा बागी सिपाही और ड्राइवर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग से आहत देश का चौथा स्तम्भ


लाॅकडाऊन समाप्त होते ही खामोश कलमकार दोषियों पर कार्रवाई हेतु करेंगे महा आन्दोलन

पिहानी/हरदोई।कोतवाली पिहानी में काली कमाई का ठेका लेकर मोटी रकम वसूली करने का  सिक्का जमाए हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार तिवारी उर्फ केके तिवारी और आरक्षी ड्राइवर स्वयं को कमिशनर से कम नहीं समझते।हालात ये हैं कि गैर कानूनी कार्यों से कमाई में संलिप्त ये हेड कांस्टेबल के के तिवारी और आरक्षी ड्राइवर राजेश यादव जब से पिहानी कोतवाली में तैनात हुए हैं इन्होंने हमेशा कोतवाली प्रभारी निरीक्षकों व उप- निरीक्षकों की तबलमन्जिनी करके नाजायज फायदा उठा रहे हैं।इन्होंने पूरे कोतवाली क्षेत्र में पुलिस के नाम पर बदनुमा दाग का ठप्पा लगाने की प्रसिद्धि हासिल कर ली है।विगत वर्ष मई माह की अंतिम तिथि को इन दोनों के साथ तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राकेश यादव व उप-निरीक्षक वीर प्रताप ने मिलकर कानून से खिलवाड़ की हदें तब पार कर दीं जब जनपद के एक साप्ताहिक अखबार के संपादक मनोज कुमार वर्मा और पत्रकार खालिद,सर्वेश व एक अज्ञात के विरुद्ध सोंची समझी साजिश का झूठा षड़यन्त्र रचकर रस्सी का साँप बनाने में इन पापी पुलिस कर्मियों ने कोई कोरो कसर नहीं छोड़ी थी।कोतवाली में अपनी शिकायत दर्ज कराने आए निर्दोष व पीड़ित पक्ष के संपादक मनोज कुमार वर्मा के साथ पत्रकार खालिद खां निवासी ग्राम नेदुरा थाना हरियांवा के साथ पत्रकार उत्पीड़न मामले की जानकारी में कोतवाली पहुंचे पत्रकार शिफा,शेखर,और सर्वेश आदि में से सर्वेश पुत्र बुलाकी निवासी मोहल्ला मुरीदखानी पिहानी को झूठे आपराधिक प्रकरण की गम्भीर धाराओं में मुकदमा लिखकर गिरफ्तार दर्शाकर 1 जून 2019 को जिला हरदोई की कारागार जेल तक भेजा था।इन्सानियत को दरकिनार कर हैवानियत पर उतरे पुलिस कर्मियों के कुकृत्य का उस समय गूगल कैमरे से बनाया गया वीडियो आज भी उनके जुर्मो सितम की दास्तान की पोल खोलने का पर्याप्त साक्ष्य है जिसे उच्च अधिकारियों तक प्रस्तुत किया गया जिसके बाद तत्कालीन कोतवाली पिहानी व तत्कालीन कोतवाली देहात प्रभारी निरीक्षक रहे राकेश यादव को दोषी मानते हुए आलाकमान अधिकारियों ने जाँचोपरान्त निलम्बित कर दिया।मगर तीन माह बाद जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित गुप्ता ने दोषी प्रभारी निरीक्षक राकेश यादव को क्राइम ब्रांच इन्स्पेक्टर पद पर तैनात कर दिया।इसके अलावा दोष कारित करने में संलिप्त पुलिस व पब्लिक के पापियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे आहत व तनाव ग्रस्त पत्रकार व संपादक 3 मार्च 2020 को न्याय के लिए एक बार मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करने पहुंचे तो पुलिस मुख्यालय लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारी एवं मनोज कुमार अवस्थी पुलिस अधीक्षक के द्वारा न्यायोचित कार्रवाई का आश्वासन पाकर वापस घर लौटा दिए गए।तदोपरान्त क्राइम ब्रांच इन्स्पेक्टर पद पर आसीन किए गए दागी व बागी पुलिस इन्स्पेक्टर राकेश यादव को तो पुनः पुलिस लाइन वापस कर दिया गया मगर कोतवाली पिहानी में कई वर्षों से एक उप निरीक्षक पद पर रहकर अपूर्ण व गलत एवं भ्रामक तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर विवेचनाओं में हेराफेरी के लिए प्रख्यात दरोगा वीर प्रताप सिंह व हमराही हेड कांस्टेबल केके तिवारी व आरक्षी ड्राइवर राजेश यादव के दागी व बागी होने के बावजूद उन पर आलाकमान अधिकारियों की महरे नजर बनी होने से संपादक और पत्रकारों में रोष व्याप्त है जोकि कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप से हुए लाॅकडाऊन का अनुपालन करते हुए खामोश तो जरुर हैं मगर शांत नहीं।यदि समय रहते इन पापी पुलिस कर्मियों और दोषियों पर विभागीय एवं विधिक कार्रवाई नहीं होती है तो संपादक और पत्रकार लाॅकडाऊन के बाद पापी पुलिस कर्मियों के चेहरों को बेनकाब कर उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु महाआन्दोलन पर उतर आएँगे।


रिपोर्ट खालिद खां

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