कोविड-19 एक वैश्विक महामारी के बीच डॉ. बी.आर. अम्बेडकर जी का जन्मोत्सव

सर्वप्रथम बोधिसत्व परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर को श्रध्दा सुमन समर्पित करते हुए कोटि-कोटि नमन एवं वंदन है। देश एवं दुनिया के मानवतावादी/ अम्बेडकरवादी/ समतावादी लोगों को बधाई एवं हार्दिक मंगल कामनाएं।

                    कोरोना वायरस (कोविड 19) जिस तरह से विश्व के अधिकतम देशों के देशवासियों को ग्रसित कर रखा है।जिससे भारत भी अछूता नहीं रहा है। उसके महा प्रकोप से बचाने एवं देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए भारत सरकार ने गत 25 मार्च 2020 से लेकर 14 अप्रैल 2020 तक लाॅकडाउन तथा सोशलडिस्टेसिंग का सहारा लेकर काफी हद तक महामारी पर नियंत्रण पाने में सफलतापाई है। जो कि काबिले तारीफ़ है। 14अप्रैल 2020 से आगे 30 अप्रैल 2020 तक बन्द करने को सुनाई दे रहा है। जिसे हम समर्थन करते हैं।  भारत  देश  का
   समस्त  मानवतावादी/ अम्बेडकरवादी समाज पूर्णतः शासन- प्रशासन के दिशा-निर्देशों का ईमानदारी से पालन कर रहा है। देश का दुर्भाग्य है कि गरीब- मजदूरों के आज तक सही आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं। जिसके कारण सरकारी लाभ सभी को नहीं मिल रहा है। प्रवासी मजदूरों की हालात को आप के साथ-साथ सरकार ने  भी देख लिया है।
      मानवतावादी/ अम्बेडकरवादी  लोग सरकार की मदद के साथ-साथ भूंखी गरीब जनता को भोजन दान के साथ-साथ अन्य मदद भी कर रहे हैं। मनुवादी मीडिया या अन्य लोग जो देश के अन्दर तान्डव मचा रखा है।उसके बारें में आप बेखबर तो नहीं हैं।
           भारत सरकार से निवेदन है कि बिना किसी भेदभाव के जनता की भूंख- शान्त करना, रक्षा एवं सुरक्षा करना सुनिश्चित करने की  कृपा करे
                   संकट कालीन घड़ी के बीच में 14 अप्रैल  यानी बोधिसत्व परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयन्ती समारोह आ गया है। विगत वर्षों में मानवतावादी/ अम्बेडकरवादी समाज बड़े ही धूम धाम से बड़े- बड़े जलसे,जन सभाएं करते थे। किन्तु आज देश संकट की घड़ी से गुजर रहा है, लेकिन देश और देश की जनता बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के ज्ञान-विज्ञान पर आधारित बने संविधान के कारण बच रहा है।
              बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के विषय में कुछ तथ्य जानने जरूरी हैं।
         
 इस जमाने में कई बादशाह हुए, पर बादशाहों के बादशाह बाबा साहेब थे।अरे लोग तो इंसानो को गुलाम बनाकर बादशाह बने, पर गुलामों को इंसान बनाने वाले बादशाह बाबा साहेब थे।
 डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर के बारे में दुनिया क्या कहती है-
🔰🌻🔰
अमेरिका:-"बाबासाहेब हमारे देश मे जन्मे होते, तो हम उन्हें सूर्य कहते।"
राष्ट्रपति ओबामा
🔰🌻🔰
साऊथ आफ्रिका:- भारत से लेने लायक एक ही चीज़ है!वह है डॉ.अंबेडकर द्वारा लिखा संविधान।"
नेल्सेन मंडेला
🔰🌻🔰
हंगरी :-"हमारी लड़ाई हम बाबासाहेब अंबेडकर की क्रांति के आधार पर लड़ रहे हैं।"
🔰🌻🔰
नेपाल:-"हमारा आने वाला संविधान भारतीय संविधान पर आधारित होगा।"
-PDC
🔰🌻🔰
पाकिस्तान "अगर हमारे देश में बाबासाहेब रहे होते, तो हमें धार्मिक कट्टरता मिटाने में आसानी होती"  *(B Cel inPAK)
🔰🌻🔰
इंग्लैण्ड:"अगर भारत को पूर्ण स्वतंत्रता चाहिये, तो डॉ.अंबेडकर जैसे अनुभवी, निष्पक्ष राजनीतिज्ञ और समाजशास्त्री को संविधान सभा में होना ही चाहिए ।"
गवर्नर जनरल (आज़ादी से पहले)
🔰🌻🔰
जापान:-"डॉ.अंबेडकर ने मानवता की सच्ची लड़ाई लड़ी थी।"
(जापान में बाबासाहेब की मूर्ति लगाई जा रही है)
🔰🌻🔰
कोलंबिया यूनिवर्सिटी:- हमें गर्व है कि हमारी यूनिवर्सिटी में एक ऐसा छात्र पढ़ा,  जिसने भारत का संविधान लिखा।"
(यूनिवर्सिटी में मूर्ति स्थापना करते वक्त यूनिवसिर्टी प्रमुख)
🔰🌻🔰

भारत

दुनिया के 100 से ज्यादा देशों ने बाबासाहेब के विचारों को अपनाया है।
पर जो सम्मान उन्हें दुनिया ने दिया वह सम्मान उन्हें अपने देश भारत ने कभी नहीं दिया, क्योंकि भारत में जाति और धर्म की व्यवस्था आज भी मानवतावाद पर हावी है। जो व्यक्ति के योगदान को नहीं जाति व धर्म को महत्व देती है
ज्ञान के प्रतीक,  एक विश्वरत्न को जातिवादियों की छोटी मानसिकता ने जाति से जोड़कर उन्हें छोटा बता दिया!
अब हमें इस जातिवादी व्यवस्था में बदलाव चाहिए।
            भारत की मनुवादी व्यवस्था परिवर्तन के लिए मानवतावादी/ अम्बेडकरवादी लोगों को एक जुटता का परिचय देने के लिए बोधिसत्व परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर को याद करना भी, बहुत जरूरी है। जिस तरह से अभी तक  सरकार के आदेशों एवं निर्देशों का पूर्ण ईमानदारी से पालन कर रहे हैं।
       ठीक उसी तरह से लाॅकडाउन एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए 14 अप्रैल 2020 को बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयन्ती समारोह को चेतना दिवस  एक त्योहार के रूप में मनाएं। वैसे तो मनाने के तौर-तरीकों पर काफी बता चुका हूँ, फिर भी कुछ अनिवार्य चीजें पुनः लिख रहा हूँ।-----------------

1. सर्वप्रथम बीमारी से बचाव के लिए एवं त्योहार के उद्देश्य से अपने अपने घरों की साफ-सफाई करना अनिवार्य है।
2. भगवान बुद्ध एवं बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के चित्रों पर पुष्पार्पित करके बुद्ध वंदना,  बाबा साहेब द्वारा ली गईं  22 प्रतीज्ञाएं, के पश्चात् संविधान का  पाठ या बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जीवन गाथा पर पारिवारिक चर्चा करें। बिना हाथ मिलाए हुए,बिना पैर छुए हुए, बिना गले मिले हुए, एक दूसरे को बधाई एवं मंगल कामनाएं दें।
3. घर में उपलब्धता के आधार पर कुछ अच्छा बनाएं- खाएं। अपनी मानवता को ध्यान में रखते हुए पास,- पड़ोस वाले को भूंखा न सोने दें।
 4. शाम को 7:30 बजे से 8:00 बजे के मध्य दीपक या मोमबत्ती अवश्य जलाएं।
5. हमें अपने घर से बाहर जयन्ती मनाने कतई नहीं निकलना है।
6. हमें अपने घर से बाहर कोई भी रैली, जनसमूह को इकट्ठा नहीं करना है।
7. हमें किसी बुद्ध विहार या बाबा साहेब की मूर्ति के पास नहीं जाना है।
8. बुद्ध विहार में रहने वाले भन्ते जी एवं जिसके अत्यंत निकट बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर  की मूर्ति लगी है। वही व्यक्ति या उपासक/ उपासिका पुष्पार्पित करेगा।अन्य लोग अपने अपने घरों या रहने वाले स्थानों पर ही मूर्ति या चित्र पर पुष्पार्पित करेंगे तथा दीपक या मोमबत्ती जलाएंगे।
9. हमें अपने  घर से बाहर निकल कर किसी प्रकार का शोर- शराबा नहीं करना है।
10. हमें अपने घर में भी होम थियेटर में तेज गाने बजाकर डांस नहीं करना है।
11. हमें किसी भी तरह से जोश में आकर, किसी के बहकावे में या किसी अफवाह में घर से बाहर नहीं निकलना है। क्योंकि हम सच्चे मानवतावादी/ अम्बेडकरवादी हैं। हम सोशल डिस्टेसिंग को नहीं तोड़ेंगे।
      घर पर रहें। सुरक्षित रहें ।।
कोरोना को हराएं। भारत को बचाएं।।
जय भीम, जय भारत, जय संविधान।

              डॉ जी पी मानव
                     अध्यक्ष
मानव विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.