रिपोर्टर-- रितिक माली
मंदसौर। लगभग एक माह के लॉक डाउन के चलते प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार के पास गरीब, मजदूर के लिए कोई कार्य योजना नही है। इसी के चलते आज गरीब, मजदूर, मध्यम वर्गीय लोगो को दो जून की रोटी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रही है। उक्त बात मंदसौर जनपद उपाध्यक्ष व मल्हारगढ क्षेत्र से प्रत्याक्षी रहे कांग्रेस नेता परशुराम सिसौदिया ने कही।
परशुराम सिसौदिया ने कहा कि कोरोना के चलते लॉक डाउन में गरीब, मजदूर, फेरी लगाकर सामान बेचने वाले, गुमटी वाले, हाथ ठेले पर सामान ढोहने वाले, पन्नी बिनने वाले, की स्थिति वर्तमान में काफी दयनीय हो चुकी है। दो-तीन दिन बाद स्थिति और खराब होने वाली है इनकी सुध सरकार नही ले रही है। इस कारण इनके भूखे मरने की नोबत आ गई है।
सिसोदिया ने कहा कि सामाजिक संगठन, कांग्रेसजन इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद कर रहे है और इनके भोजन की भी व्यवस्था जुटा रहे है। सिसौदिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह सिर्फ टीवी पर आकर ज्ञान बाटकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे है। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी और अतिवर्षा से त्राहि त्राहि मची हुई थी उस समय कमलनाथजी ने गरीब मजदूर किसानों के दर्द को समझा था और प्रत्येक पीड़ित परिवारों को पचास-पचास किलो गेंहू के साथ ही फसल का सो प्रतिशत नुकसान मानकर बगैर सर्वे के पर्याप्त मुआवजा भी दिया था जिसकी आज भी आमजन तारीफ करते है।
सिसोदिया ने आगे कहा कि लॉक डाउन के चलते क्षेत्र के अफीम उत्पादक किसान काफी परेशान हो रहे है। अफीम की रखवाली में इनको रतजगा करना पड़ रहा है। केंद्र की सरकार को इनकी कोई चिन्ता नही है, धीरे धीरे गर्मी भी अपना रौद्र रूप दिखा रही है ऐसे में घर मे रखी अफीम सुख रही है। विभाग ने कच्चा तोल कर लिया है अब वही तोल नारकोटिक्स विभाग के खरीदी करते समय रहना काफी मुश्किल है।
सिसोदिया ने वित्तमंत्री व नारकोटिक्स विभाग को पत्र लिखकर मांग करी है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुवे अफीम की औसत में एक किलो अफीम की छूट अफीम उत्पादक किसानों को दी जानी चाहिए। साथ ही जरूरतमंदों को एपीएल, बीपीएल, बगैर राशन कार्ड वाले के साथ ही मध्यम वर्गीय को राशन की दुकानों से पचास-पचास किलो गेंहू, शक्कर, चावल निःशुल्क वितरण एक दो दिन में ही करने की व्यवस्था करना चाहिए नही तो तीन मई तक हालात काफी गम्भीर हो जाएंगे।
मंदसौर। लगभग एक माह के लॉक डाउन के चलते प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार के पास गरीब, मजदूर के लिए कोई कार्य योजना नही है। इसी के चलते आज गरीब, मजदूर, मध्यम वर्गीय लोगो को दो जून की रोटी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रही है। उक्त बात मंदसौर जनपद उपाध्यक्ष व मल्हारगढ क्षेत्र से प्रत्याक्षी रहे कांग्रेस नेता परशुराम सिसौदिया ने कही।
परशुराम सिसौदिया ने कहा कि कोरोना के चलते लॉक डाउन में गरीब, मजदूर, फेरी लगाकर सामान बेचने वाले, गुमटी वाले, हाथ ठेले पर सामान ढोहने वाले, पन्नी बिनने वाले, की स्थिति वर्तमान में काफी दयनीय हो चुकी है। दो-तीन दिन बाद स्थिति और खराब होने वाली है इनकी सुध सरकार नही ले रही है। इस कारण इनके भूखे मरने की नोबत आ गई है।
सिसोदिया ने कहा कि सामाजिक संगठन, कांग्रेसजन इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद कर रहे है और इनके भोजन की भी व्यवस्था जुटा रहे है। सिसौदिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह सिर्फ टीवी पर आकर ज्ञान बाटकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे है। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी और अतिवर्षा से त्राहि त्राहि मची हुई थी उस समय कमलनाथजी ने गरीब मजदूर किसानों के दर्द को समझा था और प्रत्येक पीड़ित परिवारों को पचास-पचास किलो गेंहू के साथ ही फसल का सो प्रतिशत नुकसान मानकर बगैर सर्वे के पर्याप्त मुआवजा भी दिया था जिसकी आज भी आमजन तारीफ करते है।
सिसोदिया ने आगे कहा कि लॉक डाउन के चलते क्षेत्र के अफीम उत्पादक किसान काफी परेशान हो रहे है। अफीम की रखवाली में इनको रतजगा करना पड़ रहा है। केंद्र की सरकार को इनकी कोई चिन्ता नही है, धीरे धीरे गर्मी भी अपना रौद्र रूप दिखा रही है ऐसे में घर मे रखी अफीम सुख रही है। विभाग ने कच्चा तोल कर लिया है अब वही तोल नारकोटिक्स विभाग के खरीदी करते समय रहना काफी मुश्किल है।
सिसोदिया ने वित्तमंत्री व नारकोटिक्स विभाग को पत्र लिखकर मांग करी है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुवे अफीम की औसत में एक किलो अफीम की छूट अफीम उत्पादक किसानों को दी जानी चाहिए। साथ ही जरूरतमंदों को एपीएल, बीपीएल, बगैर राशन कार्ड वाले के साथ ही मध्यम वर्गीय को राशन की दुकानों से पचास-पचास किलो गेंहू, शक्कर, चावल निःशुल्क वितरण एक दो दिन में ही करने की व्यवस्था करना चाहिए नही तो तीन मई तक हालात काफी गम्भीर हो जाएंगे।