यहां तो शौचालय के नाम पर किया गया है जमकर भ्रष्टाचार
उन्नाव जिले का प्रशासन लगातार नाकाम
उन्नाव से जे एन शुक्ला के साथ शादाब अली की रिपोर्ट
उन्नाव जिले प्रशासन के कान में नहीं रेंग रही है जू तक यहां तो शौचालय के नाम पर क्या गया है जमकर भ्रष्टाचार शासन-प्रशासन जान कर भी अंजान
स्वच्छ भारत अभियान का सपना हुआ अधूरा
तो वहीं दूसरी ओर नालियों से लेकर खरंजे तक में क्या गया घटिया सामग्री व पीला ईटों का प्रयोग तो ही कुछ प्रधानों ने अपने आगे तो चमन बना डाला और उनके ग्राम सभाओं में कुछ दूरी पर बुरा हाल
लिखित में तहसील स्तर से लेकर जिला स्तर तक देने के बाद भी अब तक नहीं हो रही है कोई कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ प्रशासन का सपना दिखाना।
ग्रामसभा कुड़ी ना शकूराबाद उस्मानपुर पट्टी जगदीशपुर अंबोरा सैता ढकोली आलमपुर रेतवा हरिया बर सुर सैनी मुरादाबाद बांगरमऊ कांटा गुलज़ारपुर टांडा मीठा व अन्य कई गांव की जिसकी 25 तारीख में जिलाधिकारी उन्नाव महोदय को लिखित में अवगत कराने के बाद भी अब तक कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं।
स्वच्छ भारत अभियान का सपना देखने वाले प्रधानमंत्री का सपना नगर पंचायत हो या फिर ग्रामसभा हो हर जगह लूट खसौट मची हुई है प्रधानमंत्री का सपना हो गया अधूरा योगी सरकार में बेलगाम अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार को दे रहे हैं बढ़ावा यही नहीं ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ग्राम सचिव की मिलीभगत से इन दिनों खूब जमकर माल बटोरा गया है और अभी बाकी बटोरा जा रहा है जमकर किया जा रहा है लूट खटोस का कार्य भ्रष्टाचार में कहीं ना कहीं उच्च अधिकारी भी शामिल दिखाइए जरूर दे रहे हैं क्योंकि तमाम शिकायतों के बावजूद आज तक नहीं किए कोई कार्रवाई
बताते चलें उन्नाव जिले में अक्सर ग्राम सभाओ में बने शौचालय की स्थित देखने के बाद दृष्टिहीन व्यक्ति भी बता देगा कि यहां पर हुआ है जमकर भ्रष्टाचार का खेल भ्रष्टाचार के इस खेल में मानक के विपरीत बना हुआ है शौचालय जहां सरकार से ₹12200 प्रति शौचालय के पैसे मिलते हैं तो वहीं ग्राम प्रधान के द्वारा मात्र 6 से ₹7000 में ही तैयार करवा दिया जाता है शौचालय घटिया सामग्री से बने यह शौचालय कब गिर जाए कोई पता नहीं यही नहीं इस खेल में ग्राम पंचायत सचिव खंड विकास अधिकारी तक पूरी तरीके से कहीं ना कहीं ये जरूर दिखाई दिए हैं जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत में देखने को जरूर मिल जाएगा तमाम शिकायतों के बावजूद आज तक कोई भी कार्रवाई कर
ने में नाकाम साबित हुए खंड विकास अधिकारी
जांच की जाएगी बस इतना ही कह कर के गोल गोल घुमा देते हैं खंड विकास अधिकारी लेकिन आज तक तमाम शिकायतें को बावजूद कोई भी कार्रवाई करने में नाकाम साबित रहे वही लूटपाट सिलसिला लगातार जारी है शौचालय के नाम पर प्रधानमंत्री के सपनों को मिट्टी में मिलाने का कार्य कर रहे हैं इनके अधिकारी कर्मचारी ग्राम प्रधान लेकिन इस तरफ से पूरी तरीके से मौन धारण किए बैठे हैं जिले के आला हकीम।
उन्नाव जिले का प्रशासन लगातार नाकाम
उन्नाव से जे एन शुक्ला के साथ शादाब अली की रिपोर्ट
उन्नाव जिले प्रशासन के कान में नहीं रेंग रही है जू तक यहां तो शौचालय के नाम पर क्या गया है जमकर भ्रष्टाचार शासन-प्रशासन जान कर भी अंजान
स्वच्छ भारत अभियान का सपना हुआ अधूरा
तो वहीं दूसरी ओर नालियों से लेकर खरंजे तक में क्या गया घटिया सामग्री व पीला ईटों का प्रयोग तो ही कुछ प्रधानों ने अपने आगे तो चमन बना डाला और उनके ग्राम सभाओं में कुछ दूरी पर बुरा हाल
लिखित में तहसील स्तर से लेकर जिला स्तर तक देने के बाद भी अब तक नहीं हो रही है कोई कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ प्रशासन का सपना दिखाना।
ग्रामसभा कुड़ी ना शकूराबाद उस्मानपुर पट्टी जगदीशपुर अंबोरा सैता ढकोली आलमपुर रेतवा हरिया बर सुर सैनी मुरादाबाद बांगरमऊ कांटा गुलज़ारपुर टांडा मीठा व अन्य कई गांव की जिसकी 25 तारीख में जिलाधिकारी उन्नाव महोदय को लिखित में अवगत कराने के बाद भी अब तक कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं।
स्वच्छ भारत अभियान का सपना देखने वाले प्रधानमंत्री का सपना नगर पंचायत हो या फिर ग्रामसभा हो हर जगह लूट खसौट मची हुई है प्रधानमंत्री का सपना हो गया अधूरा योगी सरकार में बेलगाम अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार को दे रहे हैं बढ़ावा यही नहीं ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ग्राम सचिव की मिलीभगत से इन दिनों खूब जमकर माल बटोरा गया है और अभी बाकी बटोरा जा रहा है जमकर किया जा रहा है लूट खटोस का कार्य भ्रष्टाचार में कहीं ना कहीं उच्च अधिकारी भी शामिल दिखाइए जरूर दे रहे हैं क्योंकि तमाम शिकायतों के बावजूद आज तक नहीं किए कोई कार्रवाई
बताते चलें उन्नाव जिले में अक्सर ग्राम सभाओ में बने शौचालय की स्थित देखने के बाद दृष्टिहीन व्यक्ति भी बता देगा कि यहां पर हुआ है जमकर भ्रष्टाचार का खेल भ्रष्टाचार के इस खेल में मानक के विपरीत बना हुआ है शौचालय जहां सरकार से ₹12200 प्रति शौचालय के पैसे मिलते हैं तो वहीं ग्राम प्रधान के द्वारा मात्र 6 से ₹7000 में ही तैयार करवा दिया जाता है शौचालय घटिया सामग्री से बने यह शौचालय कब गिर जाए कोई पता नहीं यही नहीं इस खेल में ग्राम पंचायत सचिव खंड विकास अधिकारी तक पूरी तरीके से कहीं ना कहीं ये जरूर दिखाई दिए हैं जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत में देखने को जरूर मिल जाएगा तमाम शिकायतों के बावजूद आज तक कोई भी कार्रवाई कर
ने में नाकाम साबित हुए खंड विकास अधिकारी
जांच की जाएगी बस इतना ही कह कर के गोल गोल घुमा देते हैं खंड विकास अधिकारी लेकिन आज तक तमाम शिकायतें को बावजूद कोई भी कार्रवाई करने में नाकाम साबित रहे वही लूटपाट सिलसिला लगातार जारी है शौचालय के नाम पर प्रधानमंत्री के सपनों को मिट्टी में मिलाने का कार्य कर रहे हैं इनके अधिकारी कर्मचारी ग्राम प्रधान लेकिन इस तरफ से पूरी तरीके से मौन धारण किए बैठे हैं जिले के आला हकीम।