रिपोर्टर-- रितिक माली
पिपलियामंडी-___ पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है, लॉकडाउन के चलते पूरा भारत देश थम सा गया है। हर व्यक्ति घरों में कैद होकर भयभीत है, दिन रात मीडिया के माध्यम से ही खबरें मिल रही है, लेकिन भय के इस माहौल में देश के करोड़ों गरीब, मजदूर कहीं न कहीं फंसे हुए है, उनकी आवाज इस भयानक शोर-शराबे के बीच में दब गई है। सोशल मीडिया गरीबों के लिए मस्करी का माध्यम बन गया है। फंसे हुए गरीब, मजदूरों की उचित मदद नही हो पा रही है। ऐसे में कहीं न कहीं मानवता दम तोड़ती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र ने प्रधानमंत्री द्वारा अचानक किए लॉकडाउन पर सवाल उठाते हुए प्रतिक्रिया में बताया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने सरकार को कोरोना वायरस के लिए दो माह पूर्व ही सचेत कर दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर कोई गौर नही किया। उल्टा बाहर से आए हाई प्रोफाइल लोगों को बिना जांच के ही देश में प्रवेश दे दिया, इससे देश में कोरोना संक्रमण बढ़ गया। जोकचन्द्र ने बताया लाॅकडाउन की पोल उस समय खुल गई जब दिल्ली के आनन्द विहार बस स्टेण्ड पर अचानक लाखों की भीड़ उमड़ी। लाखों लोग भूख, प्यास से बिलखते अपने घरों की और पैदल ही चल पड़े तब भी नासमझ सत्ता के मद में मदहोश प्रधानमंत्री के कानों पर जूं तक नही रेंगी और वो अपनी मन की बातों में व्यस्त नजर आए। उन्हें दूसरों के मन की बात नही सुनाई दी। मात्र बार-बार हाथ धोने की सलाह सरकार आमजन को दे रही है, यह सब तो जनता खुद कर लेगी, पर सरकार ने इस संक्रमण के बचाव के लिए क्या किया ? जोकचन्द्र ने आगे बताया दो माह पूर्व ही हमारे नेता राहुलजी गांधी ने कोरोना वायरस जैसी गंभीर, घातक बीमारी को लेकर चिंता जाहिर कर केंद्र सरकार को उचित कदम उठाने की चेतावनी दी थी। लेकिन दुर्भाग्य से देश के चैकीदार ने गंभीरता से नही लिया, उन्होंने नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में मशगूल होकर पूरे देश को खतरे में डाल दिया। जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि एक और देश कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से जुझ रहा था, वहीं दूसरी और भाजपा के शीर्ष नेता मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा दिलवाकर कांग्रेस विधायकों को खरीद-फरोख्त कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराकर भाजपा सरकार बनाने में जुटे हुए थे, भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए लाखों लोगों की जान दांव पर लगा दी। उन्होंने आगे बताया कि दो माह पूर्व राहुलजी के कहने के बाद अगर पहले चेतावनी देकर भारत को लाॅकडाउन की घोषणा होती तो इतने भयंकर परिणाम न आते, अचानक लाॅकडाउन होने के बाद गरीब, बेसहारा मजदूरों को फेक्ट्री मालिकों व कथित पूंजीपतियों ने घर तक छोड़ने की जहमत नहीं उठाई, यह कहां तक न्याय संगत है ? गरीब, बेसहारा मजदूरों को देशभक्ति व जनसेवा का ढिंढोरा पीटने वाली पुलिस द्वारा अमानवीय तरीके से लाठियों, डंडो से पिटाई पर आक्रोश जताते हुए जोकचन्द्र ने बताया गरीबों की पिटाई के बाद देशभक्ति जनसेवा का नारा बुलंद करने वाली पुलिस उनके वीडियो, फोटो सोशल मीडिया पर डलवाकर क्या प्रदर्शित करना चाहती है ? वहीं उनके पिटाई के फोटो व वीडियो शेयर कर चटखारे लेने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग भी क्या प्रदर्शित करना चाहते है ? इस लाॅकडाउन से कहीं न कहीं मानवता भी शर्मसार हुई है। जोकचन्द्र ने आगे बताया कि पुलिस जिन्हें पिट रही है, वो भारतीय है, इसी देश के नागरिक हैं, दो वक्त की रोटी के लिए मजबूर व्यक्ति की बर्बरतापूर्ण पिटाई से आखिर उन्हें क्या हासिल होगा ? लाॅकडाउन में परेशान व्यक्ति की मदद करे न कि उनकी पिटाई।
पिपलियामंडी-___ पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है, लॉकडाउन के चलते पूरा भारत देश थम सा गया है। हर व्यक्ति घरों में कैद होकर भयभीत है, दिन रात मीडिया के माध्यम से ही खबरें मिल रही है, लेकिन भय के इस माहौल में देश के करोड़ों गरीब, मजदूर कहीं न कहीं फंसे हुए है, उनकी आवाज इस भयानक शोर-शराबे के बीच में दब गई है। सोशल मीडिया गरीबों के लिए मस्करी का माध्यम बन गया है। फंसे हुए गरीब, मजदूरों की उचित मदद नही हो पा रही है। ऐसे में कहीं न कहीं मानवता दम तोड़ती नजर आ रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र ने प्रधानमंत्री द्वारा अचानक किए लॉकडाउन पर सवाल उठाते हुए प्रतिक्रिया में बताया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने सरकार को कोरोना वायरस के लिए दो माह पूर्व ही सचेत कर दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर कोई गौर नही किया। उल्टा बाहर से आए हाई प्रोफाइल लोगों को बिना जांच के ही देश में प्रवेश दे दिया, इससे देश में कोरोना संक्रमण बढ़ गया। जोकचन्द्र ने बताया लाॅकडाउन की पोल उस समय खुल गई जब दिल्ली के आनन्द विहार बस स्टेण्ड पर अचानक लाखों की भीड़ उमड़ी। लाखों लोग भूख, प्यास से बिलखते अपने घरों की और पैदल ही चल पड़े तब भी नासमझ सत्ता के मद में मदहोश प्रधानमंत्री के कानों पर जूं तक नही रेंगी और वो अपनी मन की बातों में व्यस्त नजर आए। उन्हें दूसरों के मन की बात नही सुनाई दी। मात्र बार-बार हाथ धोने की सलाह सरकार आमजन को दे रही है, यह सब तो जनता खुद कर लेगी, पर सरकार ने इस संक्रमण के बचाव के लिए क्या किया ? जोकचन्द्र ने आगे बताया दो माह पूर्व ही हमारे नेता राहुलजी गांधी ने कोरोना वायरस जैसी गंभीर, घातक बीमारी को लेकर चिंता जाहिर कर केंद्र सरकार को उचित कदम उठाने की चेतावनी दी थी। लेकिन दुर्भाग्य से देश के चैकीदार ने गंभीरता से नही लिया, उन्होंने नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में मशगूल होकर पूरे देश को खतरे में डाल दिया। जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि एक और देश कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से जुझ रहा था, वहीं दूसरी और भाजपा के शीर्ष नेता मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा दिलवाकर कांग्रेस विधायकों को खरीद-फरोख्त कर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराकर भाजपा सरकार बनाने में जुटे हुए थे, भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए लाखों लोगों की जान दांव पर लगा दी। उन्होंने आगे बताया कि दो माह पूर्व राहुलजी के कहने के बाद अगर पहले चेतावनी देकर भारत को लाॅकडाउन की घोषणा होती तो इतने भयंकर परिणाम न आते, अचानक लाॅकडाउन होने के बाद गरीब, बेसहारा मजदूरों को फेक्ट्री मालिकों व कथित पूंजीपतियों ने घर तक छोड़ने की जहमत नहीं उठाई, यह कहां तक न्याय संगत है ? गरीब, बेसहारा मजदूरों को देशभक्ति व जनसेवा का ढिंढोरा पीटने वाली पुलिस द्वारा अमानवीय तरीके से लाठियों, डंडो से पिटाई पर आक्रोश जताते हुए जोकचन्द्र ने बताया गरीबों की पिटाई के बाद देशभक्ति जनसेवा का नारा बुलंद करने वाली पुलिस उनके वीडियो, फोटो सोशल मीडिया पर डलवाकर क्या प्रदर्शित करना चाहती है ? वहीं उनके पिटाई के फोटो व वीडियो शेयर कर चटखारे लेने वाले तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग भी क्या प्रदर्शित करना चाहते है ? इस लाॅकडाउन से कहीं न कहीं मानवता भी शर्मसार हुई है। जोकचन्द्र ने आगे बताया कि पुलिस जिन्हें पिट रही है, वो भारतीय है, इसी देश के नागरिक हैं, दो वक्त की रोटी के लिए मजबूर व्यक्ति की बर्बरतापूर्ण पिटाई से आखिर उन्हें क्या हासिल होगा ? लाॅकडाउन में परेशान व्यक्ति की मदद करे न कि उनकी पिटाई।