मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की पुण्यतिथि पर दुआ ए मगफिरत का आयोजन

 दिनांक 22 फरवरी 2020 को दावतु उल हक उमर सोसायटी की जानिब से देश के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले महान गांधीवादी नेता मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की पुण्यतिथि पर दुआ ए मगफिरत का आयोजन किया गया इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए सोसायटी के अध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद   प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम  विद्वान थे वे कवि, लेखक ,पत्रकार ,और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी ,थे भारत की आजादी के बाद भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे वह महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करते थे उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए कार्य किए तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओं में से थे
खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही पुण्यतिथि के अवसर पर राजा शंकर सहाय इंटर  कॉलेज के प्रवक्ता कमलेश कुमार रावत ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद 1923 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसिडेंट बने आजादी के बाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने वह धरासन सत्याग्रह के हम इंकलाबी क्रांतिकारी थे
 इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए संजय जयसवाल ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद 11 वर्षों तक राज्य की शिक्षा नीति का मार्गदर्शन किया मौलाना आजाद को ही भारतीय  पौघोगिकी संस्थान अर्थात ,आई,आई ,टी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय है उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की

इस अवसर पर दुआ एं मगफिरत नायब शहर काजी एवं जामा मस्जिद के इमामे जुमा मौलाना नईम अहमद मिस्बाही ने की

 इस अवसर पर मुख्य रूप से मोहम्मद जाबिर, नफीस अहमद  शोएब अहमद ,मोहम्मद आसिफ हुसैन, मून भाई , इकराम मोहम्मद फरीदी, मोहम्मद मिस्बा जहीर अब्बास, हबीब अहमद, आदि लोग मौजूद रहे

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