जिम्मेदार बने मूकदर्शक?
सुल्तानपुर!बताते चलें कि मामला उक्त जनपद अन्तर्गत नवीन कृषि उत्पादन मंडी समिति अमहट में तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों के कृत कार्य की खुलती पोल का है।जहाँ प्रत्येक माह व्यापारियों/आढतियों से कई लाख रुपये का मंडी टैक्स वसूला जाता है।उन्ही व्यापारियों/आढतियों को बजबजाती नालियों एवं कूड़े करकट का प्रतिदिन डटकर सामना करना पड़ता है।जो सूबे के सीएम और पीएम के स्वच्छ भारत अभियान को चुनौती दे रहा है।हैरत तो इस बात की है कि मंडी समिति में सचिव से लेकर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं जो उनकी घोर लापरवाही एवं शिथिलता की तस्वीर बयां कर रहा है।सूत्रों ने बताया कि कृषि उत्पादन मंडी समिति में प्रतिवर्ष स्वच्छता,मरम्मतीकरण एवं निर्माण के नाम पर फाइलों में खानापूर्ति कर कई लाख रुपये का वारा न्यारा होता है।वही धरातल पर उदाहरण स्वरूप कूड़ा करकट एवं बजबजाती नालियों के अलावा कुछ नजर नहीं आता है।जिसके चलते मच्छर जनित बिमारियों के फैलने की प्रबल संभावना है।जो वर्तमान समय में वीडियो में देखा जा सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट सुल्तानपुर
सुल्तानपुर!बताते चलें कि मामला उक्त जनपद अन्तर्गत नवीन कृषि उत्पादन मंडी समिति अमहट में तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों के कृत कार्य की खुलती पोल का है।जहाँ प्रत्येक माह व्यापारियों/आढतियों से कई लाख रुपये का मंडी टैक्स वसूला जाता है।उन्ही व्यापारियों/आढतियों को बजबजाती नालियों एवं कूड़े करकट का प्रतिदिन डटकर सामना करना पड़ता है।जो सूबे के सीएम और पीएम के स्वच्छ भारत अभियान को चुनौती दे रहा है।हैरत तो इस बात की है कि मंडी समिति में सचिव से लेकर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं जो उनकी घोर लापरवाही एवं शिथिलता की तस्वीर बयां कर रहा है।सूत्रों ने बताया कि कृषि उत्पादन मंडी समिति में प्रतिवर्ष स्वच्छता,मरम्मतीकरण एवं निर्माण के नाम पर फाइलों में खानापूर्ति कर कई लाख रुपये का वारा न्यारा होता है।वही धरातल पर उदाहरण स्वरूप कूड़ा करकट एवं बजबजाती नालियों के अलावा कुछ नजर नहीं आता है।जिसके चलते मच्छर जनित बिमारियों के फैलने की प्रबल संभावना है।जो वर्तमान समय में वीडियो में देखा जा सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट सुल्तानपुर