हरदोई:यू0पी0 बोर्ड व सीबीएसई परीक्षाये प्रारंभ हो चुकी है और बच्चों का भविष्य बनाने का यह समय है और वह परीक्षा की तैयारी में वह जी जान से जुटे हैं।
शादी विवाह का भी यह समय है जिसकी आड़ में कुछ असमाजिक तत्व मोहल्ले और गलियों में शोर शराबा करते हैं। परीक्षा की तैयारियों में खलल डालने वाले ऐसे लोगों से पुलिस ने सख्ती से निपटने की तैयारी की है।
पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ भी अभियान शुरू कर दिया है। गली-मोहल्ले में कोई भी गलत तरीके से ऐसा शोर-शराबा करे तो 112 नंबर डायल कर सूचना दे जिससे पुलिस की रेस्पांस टीम मौके पर पहुंचेगी और डीजे,लाउडस्पीकर आदि बजाकर शोर मचाने वाले व्यक्ति को पहले समझाएगी अगर समझाने से भी वह नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए शोर मचाने वाला यंत्र भी जब्त कर लिया जाएगा।
यूपी बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षा को देखते हुए 31 मार्च तक यह विशेष अभियान चलेगा।
अपर पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि परीक्षार्थियों की तैयारी पर विशेष ध्यान है और किसी भी तरह से खलल डालने पर कार्रवाई होगी।
ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्यों में कई प्रकार के व्यवहार संबंधी परिवर्तन हो जाते हैं। दीर्घ अवधि तक ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों में न्यूरोटिक मेंटल डिस आर्डर हो जाता है। मांसपेशियों में तनाव तथा खिंचाव हो जाता है। इसलिए सेहत के लिए ध्वनि प्रदूषण से बचने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार निंद्रावस्था में आस-पास के वातावरण में 35 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए और दिन का शोर भी 45 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। इसमें शांत क्षेत्र में अस्पताल, शिक्षा संस्थान, न्यायालय आदि के चारों तरफ 100 मीटर का दायरा शामिल किया जाता है।
शादी विवाह का भी यह समय है जिसकी आड़ में कुछ असमाजिक तत्व मोहल्ले और गलियों में शोर शराबा करते हैं। परीक्षा की तैयारियों में खलल डालने वाले ऐसे लोगों से पुलिस ने सख्ती से निपटने की तैयारी की है।
पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ भी अभियान शुरू कर दिया है। गली-मोहल्ले में कोई भी गलत तरीके से ऐसा शोर-शराबा करे तो 112 नंबर डायल कर सूचना दे जिससे पुलिस की रेस्पांस टीम मौके पर पहुंचेगी और डीजे,लाउडस्पीकर आदि बजाकर शोर मचाने वाले व्यक्ति को पहले समझाएगी अगर समझाने से भी वह नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए शोर मचाने वाला यंत्र भी जब्त कर लिया जाएगा।
यूपी बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षा को देखते हुए 31 मार्च तक यह विशेष अभियान चलेगा।
अपर पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि परीक्षार्थियों की तैयारी पर विशेष ध्यान है और किसी भी तरह से खलल डालने पर कार्रवाई होगी।
ध्वनि प्रदूषण के कारण मनुष्यों में कई प्रकार के व्यवहार संबंधी परिवर्तन हो जाते हैं। दीर्घ अवधि तक ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों में न्यूरोटिक मेंटल डिस आर्डर हो जाता है। मांसपेशियों में तनाव तथा खिंचाव हो जाता है। इसलिए सेहत के लिए ध्वनि प्रदूषण से बचने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार निंद्रावस्था में आस-पास के वातावरण में 35 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए और दिन का शोर भी 45 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। इसमें शांत क्षेत्र में अस्पताल, शिक्षा संस्थान, न्यायालय आदि के चारों तरफ 100 मीटर का दायरा शामिल किया जाता है।