अधिकारियों ने भी दिए टरकाऊ बयान
जिला पंचायत पर गुपचुप टेंडर करने का बीते वर्ष भी लग चुका है आरोप
बीते वर्ष तत्कालीन डीएम ने नहीं होने दी थी अवैध वसूली
( विवेक मिश्र )
सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद जिले के घाटों में मानक विहीन खनन व मोरंग की ओवरलोडिंग थमने का नाम ही नहीं ले रही है। और ना ही जिम्मेदार विभागीय मोरंग के इस ओवरलोडिंग के खेल को रोकने के लिये कोई प्रभावी कदम उठा रहे हैं। जबकी इन ओवर लोड वाहनों की आवाजाही की वजह से सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। और दर्जनो लोग इन ओवरलोड वाहनों की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए हैं।
आपको बता दें कि एक तरफ जिले की खदानों से ओवरलोडिंग नहीं रुक पा रही है वहीं दूसरी तरफ जिले की लगभग सभी खदानों पर माफिया द्वारा जिला पँचायत के नाम का बैरियर लगवाकर मोरंग ढोने वाले वाहन चालकों से प्रति ट्रैक्टर सौ रुपये व प्रति ट्रक दो सौ रुपये के हिसाब से वसूली की जा रही है। यह अवैध वसूली लगातार कई दिन तक चलती रही। फिर इसकी खबर दैनिक भास्कर में प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो अधिकारियों ने संज्ञान लेकर बैरियर को बंद करवा दिया। और जांच कराने की बात कही। मगर लगभग हफ्ते भर बंद रहने के बाद पुनः बैरियर लगाकर जिला पंचायत के नाम पर वसूली दोबारा शुरू हो गई है। इसी बात को लेकर शनिवार को दर्जनो ट्रक ड्राइवरों और पंचायत के नाम पर वसूली कर रहे ठेकेदारों से मझगंवा खदान के बाहर झड़प हो गई। स्थिति मारपीट तक कि उत्त्पन्न हो गई मगर दबंग ठेकेदार ने कहा कि जहां बताना है बता दो हम तो टेंडर कराकर आये हैं वसूली करेंगे। जबकि बता दें कि जिला पंचायत से टेंडर पड़ाव अड्डा के नाम से हुआ है इसमें बैरियर लगाने का सख्त प्रतिबंध है। सरकार ने बैरियर डंडा लगाकर वसूली वर्षों पूर्व पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी थी। मगर लगभग सभी खदानों में डंडा लगाकर ट्रैक्टर व ट्रक ड्राइवरों से मनमानी वसूली की जा रही है।
-क्या कहते हैं जिम्मेदार
उपजिलाधिकारी खागा विजय शंकर तिवारी ने कहा कि हो सकता है जिला पँचायत ने इसका टेण्डर किया हो। मुझे इस विषय मे कोई जानकारी नहीं है।
जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जाँच करवाकर कार्यवाही करने की बात कही। जबकि पिछली बार भी जिलाधिकारी ने जांच की बात कहकर बैरियर को बंद कराया था।
जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि अभय प्रताप सिंह उर्फ पप्पू ने कहा कि बैरियर कभी बंद ही नहीं हुए थे। ईटेंडर हुए थे जिसको मिला होगा वह चला रहा होगा। पूछने पर कि पिछले वर्ष तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने क्यों नहीं चलने दिया था। तो अध्यक्ष प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले डीएम व वर्तमान डीएम ने भी बंद कराया था मगर ठेकेदार हाईकोर्ट चले गए थे वहां से चलाने का आदेश हुआ है। डीएम एसपी ने लिखकर दिया है कि जायज़ है। मगर यह पूछने पर की बैरियर लगाकर वसूली तो सरकार ने प्रतिबंधित कर रखी है अगर टेंडर होगा तो पड़ाव अड्डा के नाम पर होगा। तो उन्होंने कहा कि पड़ाव अड्डा का ही टेंडर हुआ है बैरियर लगाकर वसूली बिल्कुल गलत है अगर किसी ने बैरियर डंडा लगा रखा है तो सख्ती से उसको रूकवाया जाएगा।