रोटी,कपड़ा और मकान ये किसी भी व्यक्ति को जीने के लिए मूल रूप से जरूरत होती है। कहते है कि अगर पेट भर रोटी मिल जाये तो आगे कपड़े,और मकान के विषय मे लोग सोचते हैं। लेकिन आज हम लोग 71वाँ गणतंत्र दिवस मना चुके है। फिर भी भारत के अन्नदाता यानी किसानों की समस्याओं को देखने वाला कोई नही। आज किसान बैंक या साहूकार से कर्ज लेकर अपने खेतों में फसल लगाता है। लेकिन सारी फसल अन्ना जानवर खा जाते है। इस प्रकरण में किसानों को सिर्फ वायदा दिया जाता है। लेकिन उनकी समस्याओं का निदान करने वाला कोई नही। इससे कईं किसान कर्ज के बोझ के ताले इतना दब जाते है कि उनके पास आत्महत्या के अलावां कोई विकल्प नही बचता। ताजा मामला उन्नाव जनपद के बिछिया विकास खण्ड के ग्राम पंचायत डीह के पहली खेड़ा गांव का है जहां पर आवारा जानवरों से परेशान मजबूरन किसानों ने गायों को सरकारी स्कूल में बंद कर दिया। जिससे शायद उत्तर प्रदेश सरकार और उन्नाव जिला प्रसाशन की कुम्भकर्णीय नींद टूटे और किसानों को अपनी समस्या से निदान हो सके। देखिये रिपोर्ट
आवारा पशुओं से परेशान किसानों ने गायों को पकड़कर सरकारी स्कूल में किया बन्द
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1/30/2020 09:15:00 am
रोटी,कपड़ा और मकान ये किसी भी व्यक्ति को जीने के लिए मूल रूप से जरूरत होती है। कहते है कि अगर पेट भर रोटी मिल जाये तो आगे कपड़े,और मकान के विषय मे लोग सोचते हैं। लेकिन आज हम लोग 71वाँ गणतंत्र दिवस मना चुके है। फिर भी भारत के अन्नदाता यानी किसानों की समस्याओं को देखने वाला कोई नही। आज किसान बैंक या साहूकार से कर्ज लेकर अपने खेतों में फसल लगाता है। लेकिन सारी फसल अन्ना जानवर खा जाते है। इस प्रकरण में किसानों को सिर्फ वायदा दिया जाता है। लेकिन उनकी समस्याओं का निदान करने वाला कोई नही। इससे कईं किसान कर्ज के बोझ के ताले इतना दब जाते है कि उनके पास आत्महत्या के अलावां कोई विकल्प नही बचता। ताजा मामला उन्नाव जनपद के बिछिया विकास खण्ड के ग्राम पंचायत डीह के पहली खेड़ा गांव का है जहां पर आवारा जानवरों से परेशान मजबूरन किसानों ने गायों को सरकारी स्कूल में बंद कर दिया। जिससे शायद उत्तर प्रदेश सरकार और उन्नाव जिला प्रसाशन की कुम्भकर्णीय नींद टूटे और किसानों को अपनी समस्या से निदान हो सके। देखिये रिपोर्ट
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