भारतीय एकता! मानव विकास!! हमारा प्रयास!!!
8 जनवरी,1880 बौद्ध जगत में विशेष महत्व का दिन है। क्योंकि इसी दिन धम्म ध्वज की स्थापना हुई थी। यह धम्म ध्वज सम्पूर्ण विश्व को शांति, प्रगति मानवतावाद और समाज कल्याण की सदैव प्रेरणा देता है। इस धम्म ध्वज में पांच रंग होते हैं। जिनका अपना अर्थ और भाव है। चूँकि इस धम्म ध्वज में 5 रंग हैं इसलिए इसको पंचशील का झंडा भी कहा जाता है। धम्म ध्वज हमारी आन, बान और शान है।
आओ धम्म ध्वज के पांच रंगों के भावार्थ को हम क्रमशः बाएं से दाएं निम्नलिखित समझें --
(1) नीला (blue) रंग :- इस रंग का भावार्थ-- है समानता तथा व्यापकता
अर्थात् इस नीले आसमान के नीचे सभी व्यक्ति सामान है । सार्वभौमिक करुणा।
सभी प्राणी मात्र के प्रति कल्याण करने की भावना रखना।
(2) पीला( yellow) रंग :- इस रंग का भावार्थ--है मध्यम मार्ग
The middle path. जैसा कि विदित है कि बुद्ध ने मध्यम मार्ग हेतु अष्टांगिक मार्ग पर चलने का रास्ता बताया है' जो निर्वाण प्राप्ति यानि चरित्र सम्पन्न, उत्कृष्ट जीवन जीने का, प्रगति का सरल और सुस्पष्ट मार्ग है।
(3) लाल (Red) रंग :- इस रंग का भावार्थ है-गतिशीलता और दृढ़ संकल्प, उर्जावान एवं परिश्रमी बनाना।
प्रत्येक व्यक्ति को धर्मानुसार आचरण करना चाहिए। अपने वांक्षित उद्देश्य की पूर्ति तथा जनकल्याण के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। धम्म की रक्षा हेतु बलिदान तक करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
(4) सफेद (White) रंग :- इस रंग का भावार्थ है--शान्ति और शुद्धता।
मन , वचन और कर्म से व्यक्ति शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। शीलवान और चरित्र संपन्न व्यक्ति बनने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। सफ़ेद रंग भगवान बुद्ध के विचारों की पवित्रता और शुद्धता का घोतक है।
(5) केसरिया ( Orange) रंग :- इस रंग का भावार्थ है- त्याग-सेवा - प्रज्ञा
(wisdom), बुद्धिवाद, उच्चतम शिक्षा की प्राप्ति। प्रत्येक व्यक्ति को सुशिक्षित होने के लिए अच्छी से अच्छी शिक्षा लेनी चाहिए। शिक्षा प्राप्त करना, ज्ञान प्राप्त करना बुद्ध धम्म का प्रथम सन्देश है। मन को सुसंस्कृत और नियंत्रित करने के लिए शिक्षा नितांत आवश्यक है। अतः प्रत्येक व्यक्त्ति को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। उचित शिक्षा के द्वारा ही व्यक्त्ति प्रज्ञावान बनता है और सेवा और त्याग के लिए तत्पर रहता है। केसरिया भगवान बुद्ध के चीवर का रंग है जो शक्त्ति और साहस को दर्शाता है।
इस प्रकार धम्म ध्वज से संपूर्ण बौद्ध धम्म का भाव और सार प्रकट होता है इसलिए धम्म ध्वज को पूरा आदर और सम्मान देना चाहिए।
यही हमारी आन,बान,शान है।
नमो बुद्धाय ! जय भीम ! जय भारत! जय संविधान !
डॉ जी पी मानव
अध्यक्ष
मानव विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश।
शिक्षित करो! संगठित रहो!! संघर्ष करो!!!
सर्वप्रथम पंचशील धम्म ध्वज दिवस के शुभ अवसर पर मानव विकास संस्थान की ओर से धम्म ध्वज को कोटि-कोटि नमन एवं वंदन। साथ ही भगवान बुद्ध एवं बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के अनुयायियों को हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएं ।8 जनवरी,1880 बौद्ध जगत में विशेष महत्व का दिन है। क्योंकि इसी दिन धम्म ध्वज की स्थापना हुई थी। यह धम्म ध्वज सम्पूर्ण विश्व को शांति, प्रगति मानवतावाद और समाज कल्याण की सदैव प्रेरणा देता है। इस धम्म ध्वज में पांच रंग होते हैं। जिनका अपना अर्थ और भाव है। चूँकि इस धम्म ध्वज में 5 रंग हैं इसलिए इसको पंचशील का झंडा भी कहा जाता है। धम्म ध्वज हमारी आन, बान और शान है।
आओ धम्म ध्वज के पांच रंगों के भावार्थ को हम क्रमशः बाएं से दाएं निम्नलिखित समझें --
(1) नीला (blue) रंग :- इस रंग का भावार्थ-- है समानता तथा व्यापकता
अर्थात् इस नीले आसमान के नीचे सभी व्यक्ति सामान है । सार्वभौमिक करुणा।
सभी प्राणी मात्र के प्रति कल्याण करने की भावना रखना।
(2) पीला( yellow) रंग :- इस रंग का भावार्थ--है मध्यम मार्ग
The middle path. जैसा कि विदित है कि बुद्ध ने मध्यम मार्ग हेतु अष्टांगिक मार्ग पर चलने का रास्ता बताया है' जो निर्वाण प्राप्ति यानि चरित्र सम्पन्न, उत्कृष्ट जीवन जीने का, प्रगति का सरल और सुस्पष्ट मार्ग है।
(3) लाल (Red) रंग :- इस रंग का भावार्थ है-गतिशीलता और दृढ़ संकल्प, उर्जावान एवं परिश्रमी बनाना।
प्रत्येक व्यक्ति को धर्मानुसार आचरण करना चाहिए। अपने वांक्षित उद्देश्य की पूर्ति तथा जनकल्याण के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। धम्म की रक्षा हेतु बलिदान तक करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
(4) सफेद (White) रंग :- इस रंग का भावार्थ है--शान्ति और शुद्धता।
मन , वचन और कर्म से व्यक्ति शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। शीलवान और चरित्र संपन्न व्यक्ति बनने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। सफ़ेद रंग भगवान बुद्ध के विचारों की पवित्रता और शुद्धता का घोतक है।
(5) केसरिया ( Orange) रंग :- इस रंग का भावार्थ है- त्याग-सेवा - प्रज्ञा
(wisdom), बुद्धिवाद, उच्चतम शिक्षा की प्राप्ति। प्रत्येक व्यक्ति को सुशिक्षित होने के लिए अच्छी से अच्छी शिक्षा लेनी चाहिए। शिक्षा प्राप्त करना, ज्ञान प्राप्त करना बुद्ध धम्म का प्रथम सन्देश है। मन को सुसंस्कृत और नियंत्रित करने के लिए शिक्षा नितांत आवश्यक है। अतः प्रत्येक व्यक्त्ति को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। उचित शिक्षा के द्वारा ही व्यक्त्ति प्रज्ञावान बनता है और सेवा और त्याग के लिए तत्पर रहता है। केसरिया भगवान बुद्ध के चीवर का रंग है जो शक्त्ति और साहस को दर्शाता है।
इस प्रकार धम्म ध्वज से संपूर्ण बौद्ध धम्म का भाव और सार प्रकट होता है इसलिए धम्म ध्वज को पूरा आदर और सम्मान देना चाहिए।
यही हमारी आन,बान,शान है।
नमो बुद्धाय ! जय भीम ! जय भारत! जय संविधान !
डॉ जी पी मानव
अध्यक्ष
मानव विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश।