ग्रामीण इलाकों में विकास कागजी आंकड़ों में, हकीकत कुछ और

सरकारी शौचालय व आवास के लिए तरस रहे हैं गरीब

ग्रामवासियों ने लगाया विकास कार्यों में धांधली का आरोप

माधौगंज (हरदोई)।  रिपोर्ट आशीष कुमार पटेल हरदोई
सरकार की मंशा के अनुरूप देहात के क्षेत्रों में विकास कार्य नही किया जा रहा है। सरकारी योजनाओं के लाभ से अभी भी गरीब वंचित हैं। घटिया किस्म के बने शौचालय अधूरे हैं। पर्याप्त आवास नही बनाए जा सके हैं। बेबस ग्रामीण धांधली का आरोप लगा रहे हैं।
विकासखण्ड की ग्राम पंचायत ढेड़नी सरैंया के प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी ने लापरवाही हद पार कर दी है। गांव में आधे-अधूरे बने शौचालय खुले में शौच मुक्त अभियान का मुंह चिढ़ा रहे हैं। वहीं सरकारी आवास के लाभ के लिए ग्रामीण जिम्मेदारों की परिक्रमा कर रहे हैं। दूलारायपुरवा गांव में बने प्राथमिक विद्यालय जाने के लिए सही रास्ता तक नही है।
ममता देवी ने बताया कि वह कई वर्षों से गांव के किनारे झोपड़ी में रह रही है। कई बार पप्रार्थना पत्र दिया है पर उसे आवास व शौचालय नही मिल पाया है।


राकेश, नन्ही देवी, संकटा प्रसाद, सियाराम, रामाधीन, बैजनाथ, विपिन, जियालाल, रामश्री, डंमर, रामविलास, सतीश,किरन, प्रमोद, जगदीश, नेहा, देवनी,प्रमोद, गयाप्रसाद, भावना, शिवा, शिवशर्मा, रामासरे, प्रकाश, अजय, ममता, अर्जुन, प्रकाश, सरोज, शिवम, तुलसीराम, कलावती, लक्ष्मीनारायन, निशा, रज्जो, अनिल, पार्वती आदि दर्जनों ग्रामीण शौचालय व आवास के लिए प्रधान की परिक्रमा कर रहे हैं।
ढेड़नी में भी जगन्नाथ, नारेन्द्र, मनोज, लालसिंह, राजेन्द्र, दीपू, सर्वेश कुमारी, रामप्रताप, श्रवण कुमार, अगम स्वरूप, मीना, जगदीश, गीता शौचालय व आवास मिलने की बांट जोह रहे हैं। विमला देवी के संजय, सोनी, शांती, दीपक व दो दिव्यांग बच्चे पूनम, लवकुश बच्चे है, मिट्टी का बना हुआ कच्चा घर गिरकर धराशाई हो चुका है। आवास के लिए प्रधान 20 हजार रुपए मांगकर कई वर्षों से टरका रहा है। दूलारायपुरवा में मात्र 10 से 15 प्रतिशत लोंगों के शौचालय आधे-अधूरे बने हैं। बुजुर्ग महिलाएं सुबह शाम शौंच के लिए खेतों में जाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी से गुहार लगाई पर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रामेश्वर के मकान से चन्द्रिका के घर तक आरसीसी रोड का प्रस्ताव कर कार्य दिखाया गया है, लेकिन अभी भी खड़ंजा ही है। विकास कार्यों में जमकर धांधली की जा रही है।
प्रधान मकरन्द ने बताया कि उन्होंने 2011 की सूची के आधार पर 84 पात्र लोंगों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भेजे थे। जिसमें से 8 आवास स्वीकृत हुए हैं। शौचालय की दूसरी क़िस्त अभी तक नही आई है। इसी बजह से आधे-अधूरे पड़े हैं।

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