पाखण्डवाद की ओर भारत के बढते कदम - शाक्य वीरेंद्र मौर्य

21 वीं शदी का इतिहास जब लिखा जाएगा। तो दुनिया के सभी देशों के नाम अविष्कार होगें। वहीं भारत के नाम, चमत्कार के नामपर बलात्कार होगें। आपको पढकर बुरा लग सकता है लेकिन यही सच है आसाराम, राम रहीम, नित्यानन्द इत्यादि ने चमत्कार के नाम पर ही महिलाओं का शोषण किया। चमत्कार तो होने से रहा लेकिन चमत्कार की आस मे महिलाएं अपना बलात्कार करा बैठीं। वो शोषित महिलाएं सिर्फ अनपढ होती तो बात और थी साहब पढी लिखी महिलाएं भी चमत्कारी बाबाओं के जाल में आसानी से फंस जाती हैं।

साहब बात सिर्फ चमत्कार की होती तो बात और थी अब तो संवैधानिक पदो पर बैठे लोग अन्धविश्वास, पाखण्डवाद, अवैज्ञानिक बातो को फैलाने का ठेका ले लिए हैं इसी कडी मे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड जी बोल गये कि रामायण के दिनो मे पुष्पक विमान हुआ करता था। अर्जुन के तीरो में परमाणु शक्ति हुआ करती थी। संजय ने धृतराष्ट्र को लाइव टेलीकास्ट दिखाया था वगैरह - वगैरह न जाने क्या - क्या बोल गये।

महोदय आपसे व आपके विचारो से समहत लोगों से बहुत ही शालीनता से कुछ प्रश्न करना चाहता हूं। कृपया  तार्किक, वैज्ञानिक कसौटी पर खरा जवाब जरूर देवें।

जब करोडो वर्ष प्राचीन डायनासोर के अवशेष मिल सकते हैं तो रामायण कालीन पुष्पक विमान के अवशेष क्यों नही मिले? पुष्पक विमान में कौन सा ईंधन प्रयोग होता था ? किस धातु से पुष्पक विमान बनाया गया था? एअरक्राफ्ट, रडार का क्या सिस्टम था? कौन सी तकनीकि से पुष्पक विमान बनाया गया था? क्या वह तकनीकि पुष्पक के साथ ही विलिप्त हो गयी? दुनिया मे भारत के अलावा और कितने देशो के पास ऎसे पुष्पक विमान हुआ करते थे ? जब अर्जुन के बाणों मे परमाणु शक्ति थी तो जब सोमनाथ का मन्दिर 17 बार लूटा गया उस समय वह परमाणु शक्ति किस बिल मे घुसी थी? यदि उसदिन ऎसी किसी परमाणु शक्ति का प्रयोग हुआ होता तो शायद भारत गुलाम न होता? जब भारत के पास तीरों वाली परमाणु शक्ति है तो फिर फ्रान्स से राफेल व अन्य विदेशी देशो से हथियार लाने की क्या जरूरत है? जब संजय के पास ऎसी टेक्नोलाजी थी कि धृतराष्ट्र को घरबैठे लाइव टेलीकास्ट दिखा रहा था तो जब उरी, पुलवामा, ताज मे विदेशियों द्वारा आतंकी हमले हुए तब वह टेक्नालाजी किस बिल में घुसी थी???

प्रश्नो की लाइन बहुत लम्बी है फिलहाल सिर्फ इनका जवाब दीजिए। जगदीश धनखड साहब या उनके विचारो से सहमत जो लोग इस विषय पर चर्चा करना चाहें उनका स्वागत हैं।


शाक्य बीरेन्द्र मौर्य

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.