राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC पर अबतक का सबसे बडा खुलासा

NRC को समझने के लिए लेख को अन्त तक अवश्य पढें। और पढकर आपके विचार, सुझाव सादर आमन्त्रित हैं

पिछले कुछ दिनो से पूरे भारत में NRC को लेकर घमासान मचा हुआ है लाखों लोग सडकों पर उतरकर आन्दोलन करने को मजबूर हुए हैं एन आर सी पर आगे किसी भी चर्चा से पहले आइये जानते हैं आखिर NRC है क्या???

साथियों NRC इस नागरिकता संशोधन कानून के तहत आपको 24 मार्च 1971 से पहले के कागजात जन्म प्रमाणपत्र, भूमि दस्तावेज, बोर्ड या विश्वविद्यालय का प्रमाणपत्र, बैंक LIC या पोस्ट आफिस का रिकार्ड, राशन कार्ड, मतदाता सूची मे नाम इत्यादि मे से किसी एक डाक्यूमेन्ट को दिखाना होगा। आपको सिद्ध करना होगा कि आपके पूर्वज भारतीय ही थे। इस नागरिकता कानून से हमारे कुछ भाइयों को लगता है कि NRC सिर्फ अल्पसंख्यक समाज या एक धर्म विशेष के लिए है हिन्दुओं को डरने की जरूरत नहीं है ऎसे लोगो को यह अखबार कटिंग ध्यान से पढना चाहिए। क्योकि असम में जिन 19 लाख लोगों को NRC से बाहर किया गया है उनमें 16 लाख हिन्दू लोग हैं जबकि अन्य लोगो की संख्या मात्र 3 लाख है।

अब आप सोचिए जब असम जैसे छोटे से राज्य मे 16 लाख हिन्दू (OBC, SC,ST)  NRC से बाहर हुए हैं यदि मध्यप्रदेश में NRC लागू हुआ तो करीब 60 लाख लोग बाहर होगें। इस तरह के कानून से पूरे भारत मे कितने करोड हिन्दू (OBC, SC, ST) NRC से बाहर होगें? यह कैसा कानून है जिसमे बहुसंख्यक समाज को उसी के देश मे अपनी नागरिकता सिद्ध करनी पड रही है और संयोग देखिए आपसे वो लोग भारतीय होने का प्रमाण मांग रहे हैं जो DNA के आधार पर खुद विदेशी हैं।

NRC के माध्यम से एक खास वर्ग को सिर्फ मोहरा बनाया जा रहा है उनकी असली दुश्मन तो देश का बहुसंख्यक (OBC, SC,ST)  समाज है इस बहुसंख्यक समाज के लोग धीरे -  धीरे हर क्षेत्र मे खुद को स्थापित करने लगे हैं लोग अब उनके झांसे मे नही आ रहे हैं आखिर EVM के सहारे वो कबतक चुनाव जीतेगें।  इसलिए उन्होने अब NRC के माध्यम से एक जाल बिछाया। इस षणयन्त्र के तहत बहुसंख्यक समाज को जानबूझकर NRC से बाहर रखा जाएगा। यदि आप अशिक्षित हुए तो आपकी सारी सम्पत्ति सरकार हडप लेगी और आपको डिटेंसन कैम्प मे ठूस दिया जाएगा। यदि आप थोडा पढे लिखे हुए। तो आप कोर्ट जाएगें। वहां से केस जीत भी गये तब भी कागजो के अभाव में आपसे 10 वर्षो के लिए वोट देने का अधिकार छीन लिया जाएगा। मतलब जो अशिक्षित है उसे विदेशी घोषित कर डिटेन्सन कैम्प मे ठूंसो, और जो पढा लिखा है उससे वोट का अधिकार छीनो। और इसतरह भारत के बहुसंख्यक समाज (OBC, SC, ST) समाज से वोट का अधिकार छीनकर मुट्ठी भर विदेशी DNA वाले लोगो के वोट से सरकार बनाना है। और अगले दस वर्षो तक आप वोट के अधिकारो के लिए संघर्ष करेगें। तब तक ये विदेशी DNA वाले मुट्ठीभर लोग न जाने और कौन कौन से नये कानून बनाकर आपके ऊपर थोप देगें।

इनका NRC पर मिसकाल द्वारा समर्थन का फंडा भी देखिए। NRC के लिए, आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशनकार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसन्स, वोटर आई डी कार्ड मान्य नही होंगे। लेकिन उसी आधार नम्बर से खरीदे गये सिमकार्ड से मिसकाल करने पर उसको NRC समर्थन समझा जाएगा।

इसलिए अभी समय है आपलोग जागिए और जगाइये। वर्ना अगली पीढी आपको कभी माफ नहीं करेगी।

शाक्य बीरेन्द्र मौर्य

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