मौलाना आजाद महान हिन्दु --मुस्लिम ऐकता के प्रतीक थे -- भय्यू एडवोकेट

न्योतनी  ,हसनगज 11 नवम्बर  भारत के पहले शिझा मन्त्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म दिन नगर पन्चायत न्योतनी मे समाजसेवी मुजतबा हैदर रिजवी भय्यू एडवोकेट के आवास पर एक गोष्ठी कर मनाई गयी।
भय्यू एडवोकेट ने कहा कि आजाद साहब महान स्वतन्त्रता सग्राम सेनानी थे, उन्होने भारत रत्न लेने से मना कर दिया था वो वो हिन्दू मुस्लिम ऐकता के प्रतिक थे मुस्लिम लीग के विरोधी थे।

गौष्ठी का सचांलन करते हुऐ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अब्दुल लतीफ उस्मानी ऐडवोकेट ने कहा कि मौलाना आजाद साहब देश के बटवारे के खिलाफ थे वो पाकिस्तान राष्ट्र के कटटर विरोधी थे देश की आजादी के लिये वो तीन साल जेल मे रहे

स्वतन्त्रता सग्राम सेनानी मौलाना हसरत मोहानी विचार मचं के अध्यझ मुर्तजा हैदर रिजवी ने कहा कि आजाद साहब का जन्म 11 नवम्बर सन 1888 को मक्का शरीफ मे हुआ था वो महान विद्दान  शिझा विधि थे वो खिलाफत आन्दोलन सत्याग्रह के समर्थक थे वो धर्मनिरपेझ ऱाष्ट्रवादी भारतीय नेता थे उन्होने विश्विधालय अनुदान की शुरुवात करी थी आजाद अग्रेजो की फूट डालो रणनीति के विरोधी थे

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुऐ उत्तर प्रदेश काग्रेसं  कमेटी अल्पंसख्यक के महासचिव सैय्यद गुलजार अख्तर रिजवी ने कहा कि आज का दिन राष्ट्रीय शिझा दिवस के रुप मे मनाया जाता है आजाद को 1992 को मरणोपरान्त भारत रत्न ने दिया गया आजाद साहब 1952 को रामपुर से सासंद बने थे उन्होने ललित कला केन्द्र की स्थापना करी।

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