मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 से 28 सितंबर तक संचालित होगा
नई दिल्ली, 15 सितम्बर।
राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (एनसीजीजी) और मालदीव प्रशासनिक सेवा आयोग (सीएससी) के बीच प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर भारत-मालदीव समझौता ज्ञापन के तहत मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए मसूरी और दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम 16-28 सितंबर, 2019 को आयोजित किया जाएगा। मसूरी के एनसीजीजी परिसर में एक 32 सदस्यीय मालदीव का प्रतिनिधिमंडल मसूरी पहुंचा।
मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र 16 सितंबर, 2019 को आयोजित किया जाएगा और इसकी अध्यक्षता डीएआरपीजी के सचिव के.वी. इपन, मालदीव प्रशासनिक सेवा आयोग की सदस्य फातिमाथ अमीरा और डीएआरपीजी के अपर सचिव वी. श्रीनिवास करेंगे। इसके बाद सार्वजनिक नीति और प्रशासन, नैतिकता और जवाबदेही और जन शिकायतों के निवारण, प्रेरणा, नवाचार, सतत विकास लक्ष्यों, पर्यटन को बढ़ावा देने, हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, पासपोर्ट सेवा केंद्र और भारत निर्वाचन आयोग के साथ-साथ भारत - मालदीव संबंधों पर सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
डीएआरपीजी के सचिव के.वी. इपन, एलबीएसएनएए के निदेशक संजीव चोपड़ा, डीएआरपीजी के अपर सचिव वी. श्रीनिवास, आईसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा, एलबीएसएनएए के पूर्व निदेशक पदमवीर सिंह, पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन सहित भारत सरकार के वरिष्ठ नीति निर्माता 2 सप्ताह प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। मालदीव के सिविल सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. एली शमीम 28 सितंबर, 2019 को समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2019 में मालदीव की अपनी यात्रा में भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति पर जोर दिया था और व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक तथा स्वतंत्र संस्थानों की मजबूती की अपनी आकांक्षाओं को साकार करने में मालदीव को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया था। यात्रा के दौरान भारत के सुशासन केंद्र और मालदीव के प्रशासनिक सेवा आयोग के बीच हस्ताक्षर किए गए एक समझौता ज्ञापन में अगले 5 वर्षों में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में मालदीव के 1000 प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण गतिविधियों की परिकल्पना की गई थी। एमओयू के तहत, 10 प्रशिक्षण कार्यक्रम सितंबर 2019 से दिसंबर 2020 तक आयोजित किए जाएंगे। एमओयू के तहत पहले 3 प्रशिक्षण कार्यक्रम 2019 में (क) सितंबर 16-28, 2019 और नवंबर 2015, 2019 में मध्य प्रबंधन स्तर के 60 अधिकारियों के लिए आयोजित किए जाएंगे तथा (ख) शीर्ष प्रबंधन स्तर के 30 अधिकारियों के लिए दिसंबर 2-14, 2019 के दौरान आयोजित किये जाएंगे।
भारत मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए सबसे बड़ा विकास भागीदार है। विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसके 70 प्रतिशत प्रतिनिधि महिला अधिकारी हैं। कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। (एजेंसी)
नई दिल्ली, 15 सितम्बर।
राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (एनसीजीजी) और मालदीव प्रशासनिक सेवा आयोग (सीएससी) के बीच प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर भारत-मालदीव समझौता ज्ञापन के तहत मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए मसूरी और दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम 16-28 सितंबर, 2019 को आयोजित किया जाएगा। मसूरी के एनसीजीजी परिसर में एक 32 सदस्यीय मालदीव का प्रतिनिधिमंडल मसूरी पहुंचा।
मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र 16 सितंबर, 2019 को आयोजित किया जाएगा और इसकी अध्यक्षता डीएआरपीजी के सचिव के.वी. इपन, मालदीव प्रशासनिक सेवा आयोग की सदस्य फातिमाथ अमीरा और डीएआरपीजी के अपर सचिव वी. श्रीनिवास करेंगे। इसके बाद सार्वजनिक नीति और प्रशासन, नैतिकता और जवाबदेही और जन शिकायतों के निवारण, प्रेरणा, नवाचार, सतत विकास लक्ष्यों, पर्यटन को बढ़ावा देने, हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, पासपोर्ट सेवा केंद्र और भारत निर्वाचन आयोग के साथ-साथ भारत - मालदीव संबंधों पर सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
डीएआरपीजी के सचिव के.वी. इपन, एलबीएसएनएए के निदेशक संजीव चोपड़ा, डीएआरपीजी के अपर सचिव वी. श्रीनिवास, आईसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा, एलबीएसएनएए के पूर्व निदेशक पदमवीर सिंह, पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन सहित भारत सरकार के वरिष्ठ नीति निर्माता 2 सप्ताह प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। मालदीव के सिविल सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. एली शमीम 28 सितंबर, 2019 को समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2019 में मालदीव की अपनी यात्रा में भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति पर जोर दिया था और व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक तथा स्वतंत्र संस्थानों की मजबूती की अपनी आकांक्षाओं को साकार करने में मालदीव को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया था। यात्रा के दौरान भारत के सुशासन केंद्र और मालदीव के प्रशासनिक सेवा आयोग के बीच हस्ताक्षर किए गए एक समझौता ज्ञापन में अगले 5 वर्षों में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में मालदीव के 1000 प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण गतिविधियों की परिकल्पना की गई थी। एमओयू के तहत, 10 प्रशिक्षण कार्यक्रम सितंबर 2019 से दिसंबर 2020 तक आयोजित किए जाएंगे। एमओयू के तहत पहले 3 प्रशिक्षण कार्यक्रम 2019 में (क) सितंबर 16-28, 2019 और नवंबर 2015, 2019 में मध्य प्रबंधन स्तर के 60 अधिकारियों के लिए आयोजित किए जाएंगे तथा (ख) शीर्ष प्रबंधन स्तर के 30 अधिकारियों के लिए दिसंबर 2-14, 2019 के दौरान आयोजित किये जाएंगे।
भारत मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए सबसे बड़ा विकास भागीदार है। विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसके 70 प्रतिशत प्रतिनिधि महिला अधिकारी हैं। कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मालदीव के प्रशासनिक कर्मचारियों के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। (एजेंसी)
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