हसनगंज क्षेत्र के शाहपुर तोंदा गांव में एस डी एम से शिकायत करने के बाद में छठवें दिन भी नहर विभाग खांधी बांधने की सुध नहीं ली। जिससे किसानों में खासा आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
हसनगंज तहसील क्षेत्र के शाहपुर तोदा गांव के पास लखनऊ शारदा नहर ब्रांच से निकलने वाला मोहान रजबहा में 19 जुलाई को तेज बहाव के चलते खांदी कट गई। जिससे शाहपुर व घरघटा गांव के किसानों की डेढ़ सौ बीघे से अधिक धान, मक्का ,ज्वार,तिल, उड़द, मूंग की फसल पानी से जलमग्न होकर बर्बाद हो गई है।नहर की खांदी शुक्रवार की रात से कटी हुई है। ग्रामीणों ने कई बार तहसील प्रशासन से लेकर नहर विभाग के अधिकारियों को फ़ोन पर सूचना दिया। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने मौके पर जाना तो दूर नहर में खांधी बंधवाने की जहमत नही उठाई।उसके बाद एस डी एम से ग्रामीणों ने शिकायत की उसके बाद भी नहर विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंगा। किसानों ने आपस में चंदा लगाकर खांदी बांधने की कोशिश की लेकिन क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से तेज बहाव होने के कारण देर रात में फिर कट गई।जिससे किसानों की बर्बाद फसल की आस खत्म हो गई। किसानों की माने तो बड़ी ही मेहनत से फसल की रोपाई व बुवाई की गयी थी। लेकिन नहर विभाग की लापरवाही से सैकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो गईं।प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते किसानों ने जलमग्न हुई फसल का मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है।
इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा से पूछने पर बताया कि मामला संज्ञान में आया है लेखपाल को भेजकर फसल का आकलन कराकर जिला अधिकारी को अवगत कराया जायेगा। जिससे किसानों की बर्बाद हुई फसल का मुआवजा मिल सके गा श्री वर्मा ने बताया कि नहर विभाग को खांदी बंधवाने के लिए कहा गया है। लेकिन छठवें दिन भी नहर विभाग की नींद नहीं खुल सकी है। इस तरह योगी सरकार में जिम्मेदार किसानों की आय घर में बैठकर दोगुनी करने का नायाब तरीका निकाला है।
इन किसानों की बर्बाद हुई फसल गुरु चरन,अजय सिंह,अशोक सिंह,महेंद्र,सिंह,प्रताप, शिवम, नरेन्द्र, भगवती, हरिश्चंद्र, वीरेंद्र,जायसवाल,अनिल,ज्ञानेंद्र आदि किसानों की फसल जलमग्न होकर बर्बाद हुई है।
हसनगंज तहसील क्षेत्र के शाहपुर तोदा गांव के पास लखनऊ शारदा नहर ब्रांच से निकलने वाला मोहान रजबहा में 19 जुलाई को तेज बहाव के चलते खांदी कट गई। जिससे शाहपुर व घरघटा गांव के किसानों की डेढ़ सौ बीघे से अधिक धान, मक्का ,ज्वार,तिल, उड़द, मूंग की फसल पानी से जलमग्न होकर बर्बाद हो गई है।नहर की खांदी शुक्रवार की रात से कटी हुई है। ग्रामीणों ने कई बार तहसील प्रशासन से लेकर नहर विभाग के अधिकारियों को फ़ोन पर सूचना दिया। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने मौके पर जाना तो दूर नहर में खांधी बंधवाने की जहमत नही उठाई।उसके बाद एस डी एम से ग्रामीणों ने शिकायत की उसके बाद भी नहर विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंगा। किसानों ने आपस में चंदा लगाकर खांदी बांधने की कोशिश की लेकिन क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से तेज बहाव होने के कारण देर रात में फिर कट गई।जिससे किसानों की बर्बाद फसल की आस खत्म हो गई। किसानों की माने तो बड़ी ही मेहनत से फसल की रोपाई व बुवाई की गयी थी। लेकिन नहर विभाग की लापरवाही से सैकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो गईं।प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते किसानों ने जलमग्न हुई फसल का मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है।
इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा से पूछने पर बताया कि मामला संज्ञान में आया है लेखपाल को भेजकर फसल का आकलन कराकर जिला अधिकारी को अवगत कराया जायेगा। जिससे किसानों की बर्बाद हुई फसल का मुआवजा मिल सके गा श्री वर्मा ने बताया कि नहर विभाग को खांदी बंधवाने के लिए कहा गया है। लेकिन छठवें दिन भी नहर विभाग की नींद नहीं खुल सकी है। इस तरह योगी सरकार में जिम्मेदार किसानों की आय घर में बैठकर दोगुनी करने का नायाब तरीका निकाला है।
इन किसानों की बर्बाद हुई फसल गुरु चरन,अजय सिंह,अशोक सिंह,महेंद्र,सिंह,प्रताप, शिवम, नरेन्द्र, भगवती, हरिश्चंद्र, वीरेंद्र,जायसवाल,अनिल,ज्ञानेंद्र आदि किसानों की फसल जलमग्न होकर बर्बाद हुई है।