उन्नाव आरटीओ ऑफिस बना दलालों का अड्डा मोटी रकम लेने के बाद भी लोगों का नहीं होता काम

उन्नाव आरटीओ  ऑफिस में हो रही खुले आम धांधली

उन्नाव आरटीओ ऑफिस में कार्यरत पवन त्रिपाठी जो जुनिर क्लर्क ( कनिष्ठ लिपिक)  है  जो पैसे लिए बिना कम्प्यूटर फीडींग  का काम नहीं करते हैं। उन्नाव  बांगरमऊ के ‌रहने वाले सुबीर जिसका ‌हैवी लाइसेंस बनना था उससे पवन त्रिपाठी ने पैसे की  डिमांड की  और कहा कि बिना 1500 रुपए दिए लाइंसेंस के डॉक्यूमेंट नहीं फीड करेगे और जिससे  कहना हो कह दो जाकर मै डरता नहीं हूं और अप शब्द का प्रयोग भी  किया ।जब  सुबीर बड़े अधिकारी ‌के पास गया और सारी बात बताई तो उन्होंने कहा कि पवन‌ बिना पैसे लिए काम नहीं करता है। फिर सुबीर ने पवन त्रिपाठी को 1500 रू दिए और सुबीर का लाइसेंस एक हफ्ते में भी बना कर दे दिया।

और जब पोल खोलते हुए जब हमारे  संवादाता ने आरटीओ अनिल त्रिपठी से बैट लेना चाहा तो उन्होंने बैट देने से इंकार किया।

उन्नाव से अंसार सिद्दीकी के साथ शादाब अली की रिपोर्ट

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