उन्नाव मियाँगंज ब्लाक क्षेत्र के कस्बा मियाँगंज में विशम्भर दयाल त्रिपाठी इन्टर कालेज करीब सात दशक से संचालित है। इस कालेज से पढ़े छात्र देश में कई ऊंची ऊंची पोस्ट पर तैनात हैं।इस विद्यालय का सैकड़ों वर्ष पुराना भवन अंतिम सांसे गिन रहा है।
सभी कमरों की छत गिर गई है। अभिभावकों ने चंदा देकर पुरानी जर्जर दीवारों पर टीन शेड लगवाया है। जिसके कड़क धूप से भीषण गर्मी के मौसम में छात्रों का बुरा हाल हो जाता है फिर भी इस विद्यालय में इस टीन शेड के नीचे बैठकर इस भीषण गर्मी में छात्र शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
शिक्षा विभाग के आला अधिकारी कुम्भकर्णी नींद सो रहे है किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं। प्रधानाचार्य दारा सिंह गौतम ने बताया कि विद्यालय करीब 1951-52 में कस्बे के ही जटाशंकर शुक्ला ने शुरु किया था। भवन काफी पुराना है जिससे भवन के रखरखाव के अभाव में जर्जर होकर गिर गया है। दीवारों पर टीन शेड डालकर शिक्षण कार्य किया जा रहा है। पिछले सत्र में कक्षा छः से बारह तक करीब 793 छात्र पंजीकृत थे। जिसमें 424 बालक और 369 बालिका। इस सत्र में एडमीशन किये जा रहे हैं। करीब चालीस वर्ष से प्रबंध समिति भंग चल रही है जिससे शिक्षा विभाग ने अपने अधीन कर लिया है सरकार द्वारा कुल दस शिक्षक कार्य कर रहे हैं। हमारे विद्यालय में इस वर्ष हाई स्कूल का 98% प्रतिशत और इंटर का 99% प्रतिशत रिजल्ट आया था। जिसमें हाई स्कूल के टाप छात्रों में सुमबुल अल्वी 87%,नाजिया खातून 86%, अभिषेक गौतम 84% वहीं इंटर के टापरो में सना 74%,कौशल 75%,जयशंकर 74% अंक लाकर कालेज का नाम रोशन किया है। 2014 में मेंहदीहसन इंटर पास करके बीएचयू में हिस्ट्री से गोल्ड मेडल जीता है।
क्षेत्रीय समाज सेवी सुजाउर्रहमान सफवी ने बताया कि विद्यालय का भवन हमारे दादा की तालुकेदारी का था। जिसमें अंग्रेजो के शासनकाल में कचेहरी लगती थी। आजादी के बाद इस भवन को विद्यालय के नाम दान कर दिया गया था। रखरखाव के अभाव में भवन जर्जर हो गया है।
सभी कमरों की छत गिर गई है। अभिभावकों ने चंदा देकर पुरानी जर्जर दीवारों पर टीन शेड लगवाया है। जिसके कड़क धूप से भीषण गर्मी के मौसम में छात्रों का बुरा हाल हो जाता है फिर भी इस विद्यालय में इस टीन शेड के नीचे बैठकर इस भीषण गर्मी में छात्र शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
शिक्षा विभाग के आला अधिकारी कुम्भकर्णी नींद सो रहे है किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं। प्रधानाचार्य दारा सिंह गौतम ने बताया कि विद्यालय करीब 1951-52 में कस्बे के ही जटाशंकर शुक्ला ने शुरु किया था। भवन काफी पुराना है जिससे भवन के रखरखाव के अभाव में जर्जर होकर गिर गया है। दीवारों पर टीन शेड डालकर शिक्षण कार्य किया जा रहा है। पिछले सत्र में कक्षा छः से बारह तक करीब 793 छात्र पंजीकृत थे। जिसमें 424 बालक और 369 बालिका। इस सत्र में एडमीशन किये जा रहे हैं। करीब चालीस वर्ष से प्रबंध समिति भंग चल रही है जिससे शिक्षा विभाग ने अपने अधीन कर लिया है सरकार द्वारा कुल दस शिक्षक कार्य कर रहे हैं। हमारे विद्यालय में इस वर्ष हाई स्कूल का 98% प्रतिशत और इंटर का 99% प्रतिशत रिजल्ट आया था। जिसमें हाई स्कूल के टाप छात्रों में सुमबुल अल्वी 87%,नाजिया खातून 86%, अभिषेक गौतम 84% वहीं इंटर के टापरो में सना 74%,कौशल 75%,जयशंकर 74% अंक लाकर कालेज का नाम रोशन किया है। 2014 में मेंहदीहसन इंटर पास करके बीएचयू में हिस्ट्री से गोल्ड मेडल जीता है।
क्षेत्रीय समाज सेवी सुजाउर्रहमान सफवी ने बताया कि विद्यालय का भवन हमारे दादा की तालुकेदारी का था। जिसमें अंग्रेजो के शासनकाल में कचेहरी लगती थी। आजादी के बाद इस भवन को विद्यालय के नाम दान कर दिया गया था। रखरखाव के अभाव में भवन जर्जर हो गया है।