उन्नाव जनपद के विकासखंड बीघापुर के अंतर्गत ग्राम मानपुर पोस्ट इंदामऊ में समता सैनिक दल का एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि माननीय राम आसरे बौद्ध जी रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय रिंकू गौतम में की। कार्य का शुभारंभ समता सैनिक दल के प्रदेश प्रवक्ता माननीय राममिलन सिंह मौर्य ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर के समक्ष माला फूल चढ़ाकर की तथा समता सैनिक दल के जिला अध्यक्ष माननीय गोपीचंद गौतम नेमाला एवं फूल चढ़ाएं। कार्यक्रम केे अध्यक्ष माननीीय रिंकू गौतम ने समता सैनिक दल के उत्तर प्रदेेश प्रवक्ता माननीय राममिलन सिंह मौर्य का माला पहनाकर स्वागत किया।कार्यक्रम के अध्यक्ष रिंकू गौतम प्रदेश प्रवक्ता मा. राममिलन सिंह मौर्य का माला पहनाकर स्वागत करते हुए |
तथा समता सैनिक दल के उत्तर प्रदेश प्रदेश प्रवक्ता/जीएसऐ न्यूज़ संचालक माननीय राममिलन सिंह ने लोगों को संगठन के बारे में संपूर्ण जानकारी दी
और कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को देखते हुए समता स्वतंत्रता न्याय और बंधुत्व पर आधारित समाज की स्थापना करने के लिए 13 मार्च सन् 1924 में समता सैनिक दल का गठन किया और कहा
कि समता सैनिक दल की सदस्यता स्वैच्छिक है किसी पर कोई बाध्यता नहीं है दल का सदस्य बनने के लिए किसी धर्म अथवा जाति विशेष का होना आवश्यक नहीं है बल्कि समूची मानवता के प्रति वचनबद्ध है समता में विश्वास रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म अथवा जाति का हो किसान, मजदूर, सरकारी कर्मचारी, विद्यार्थी, बुद्धिजीवी या व्यवसाय नौकरी पेशा कर्मचारी हो अथवा जवान, महिला व पुरुष कोई भी दल का सदस्य बन सकता
है।
दल का सदस्य बनने के लिए अनिवार्य शर्त एवं नियम निम्न है ● वह भारतीय संविधान और लोकतंत्र के प्रति पूर्ण आस्था रखता हो।
● वह दल के संस्थापक एवं दल के संचालक मंडल का नेतृत्व के प्रति पूर्ण आस्था रखता हो।
● वह बहुजन समाज में जन्मे संतो, गुरुओ, महापुरुषों, तथागत बुद्ध, परम पूज्य बाबासाहब भीमराव अंबेडकर जी के प्रति पूर्ण आस्था रखता हो।
● अपराधिक प्रवृत्ति एवं किसी प्रकार का नशेबाज न हो।
● वह पागल, कट्टरपंथी एवं दिवालिया ना हो।
आजाद भारत के 68 साल बाद भी गरीब एवं मेहनतकश अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अति पिछड़ा वर्ग पर जुल्म एवं उत्पीड़न शोषण और अत्याचार की घटनाएं आज भी हो रही हैं। महिलाओं और अल्पसंख्यकों को विभिन्न प्रकार से बेइज्जत और अपमानित किया जा रहा है। चारो ओर विषमता, पाखंडवाद, ऊंच-नीच का साम्राज्य फैलता जा रहा है जिससे राष्ट्र की एकता एवं अखंडता को पुनः खतरा उत्पन्न हो गया है। इसलिए आप सभी देशवासियों, बुद्धिजीवी, डॉक्टर, वकील, वैज्ञानिक, प्रोफेसर तथा राष्ट्र निर्माण और उत्थान में लगे सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता खासकर बहादुर नौजवानों, पुरुषों और महिलाओं से विनम्र अनुरोध है कि अपने राष्ट्र की एकता एवं अखंडता बनाए रखने समता मैत्री न्याय एवं भाईचारे और सामाजिक परिवर्तन पर आधारित जाति विहीन, वर्ग-विहीन, न्यायपूर्ण समाज की स्थापना हेतु समता सैनिक दल के सदस्य बनकर बाबासाहब के कहे अनुसार अपनी आमदनी का 20 वा भाग तन और मन सभी तरह का सहयोग देकर सामाजिक परिवर्तन की जिम्मेदारी शासन और प्रशासन मैं अपनी हिस्सेदारी लेकर अपने देश का शासक बनकर अपने सामाजिक नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करें।
सैनिकों और सैनिकाओ के अनुशासित रखने हेतु समता सैनिक दल की एक निर्धारित यूनिफॉर्म भी है संघायन लगाते समय सैनिक की यूनिफॉर्म नीला हाफ पैंट सफेद शर्ट है जबकि सम्मेलन अथवा प्रदर्शन के समय सैनिक की यूनिफॉर्म सफेद शर्ट, सफेद पेंट नीली गोल कैप, ब्राउन चौड़ी बेल्ट काले चमड़े के जूते कमांडर के ब्राउन जूते सादा जुराब नीली लर्निंग वर्सिटी हाथ में लंबा लड सर्दियों में नीला कोट या नीला फुल स्वेटर महिलाओं को पैंट शर्ट या सलवार सूट है।
इस अवसर पर मानपुर इंदा मऊ रमा खेड़ा सहित कई गांव के लोग उपस्थित रहे।
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