चितबड़ागांव ( बलिया ) - स्थानीय नगर पंचायत सहित आसपास के इलाके में दो पहिया , चार पहिया वाहनों पर आए दिन लगातार ओवर लोडिंग का खेल बदस्तूर जारी है बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है ।
गौरतलब है कि नगर पंचायत सहित आसपास के ग्रामीण इलाके में दो पहिया वाहन पर आवश्यकता से अधिक सवार होकर आए दिन लगातार कम उम्र के लड़के या लडकियां भी सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं इतना ही नहीं चार पहिया वाहनों पर भी सवारियों को ठूंस - ठूंस कर आते-जाते रहते हैं और आंखों देखा हाल पुलिस देखती रहती है मगर एक बार भी रोकने की कोशिश नहीं करती है । इस परिस्थिति में आए दिन लगातार सड़क दुर्घटना होता रहता है । वार्ता के दौरान युवा समाजसेवी व पूर्व पत्रकार मनीष तिवारी ने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार, उड़ीसा, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई या बड़े - बड़े महा नगरों में पुलिस प्रशासन बिल्कुल चौकन्ना रहती है तथा दो पहिया वाहन पर सिर्फ दो ही लोग वह भी हेल्मेट पहने गाड़ी चलाते हैं अन्यथा की स्थिति में चालान काट कर जेल भेज दी जाती है वहीं चार पहिया वाहनों पर भी आवश्यकता से अधिक सवारी बैठाकर चलने वाली वाहनों पर रोक लगाई जाती है मगर अफसोस की बात यह है कि नगर पंचायत सहित ग्रामीण इलाके में कम उम्र के लड़के या लड़कियां फर्राटे से ओवर लोड सवार होकर दौड़ते हुए नजर आते हैं और अपने आंखों से पुलिस देखती रहती है बावजूद कोई रोक नहीं लगाती है । जो पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है ।
गौरतलब है कि नगर पंचायत सहित आसपास के ग्रामीण इलाके में दो पहिया वाहन पर आवश्यकता से अधिक सवार होकर आए दिन लगातार कम उम्र के लड़के या लडकियां भी सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं इतना ही नहीं चार पहिया वाहनों पर भी सवारियों को ठूंस - ठूंस कर आते-जाते रहते हैं और आंखों देखा हाल पुलिस देखती रहती है मगर एक बार भी रोकने की कोशिश नहीं करती है । इस परिस्थिति में आए दिन लगातार सड़क दुर्घटना होता रहता है । वार्ता के दौरान युवा समाजसेवी व पूर्व पत्रकार मनीष तिवारी ने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार, उड़ीसा, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई या बड़े - बड़े महा नगरों में पुलिस प्रशासन बिल्कुल चौकन्ना रहती है तथा दो पहिया वाहन पर सिर्फ दो ही लोग वह भी हेल्मेट पहने गाड़ी चलाते हैं अन्यथा की स्थिति में चालान काट कर जेल भेज दी जाती है वहीं चार पहिया वाहनों पर भी आवश्यकता से अधिक सवारी बैठाकर चलने वाली वाहनों पर रोक लगाई जाती है मगर अफसोस की बात यह है कि नगर पंचायत सहित ग्रामीण इलाके में कम उम्र के लड़के या लड़कियां फर्राटे से ओवर लोड सवार होकर दौड़ते हुए नजर आते हैं और अपने आंखों से पुलिस देखती रहती है बावजूद कोई रोक नहीं लगाती है । जो पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है ।