सीधी भर्ती,संविदा व आउटसोर्सिंग नियुक्ति में कोटा की व्यवस्था हो-लौटनराम निषाद

लेटरल भर्ती में संविधान विरूद्ध काम कर रही है मोदी सरकार

लखनऊ,16जून।राष्ट्रीय निषाद संघ(एन ए एफ)के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने सीधी भर्ती में आरक्षण व्यवस्था न करने को संविधान विरोधी कदम बताते हुये कहा कि मोदी सरकार ओबीसी,एससी, एसटी आदि आरक्षित वर्गों के हितों पर कुठाराघात कर हकमारी कर रही है।लेटरल भर्ती में यदि सरकार द्वारा संविधान विरोधी काम किया जा रहा है।विगत महीनों बिना आईएएस, आईआरएस के मोदी सरकार ने प्राइवेट सेक्टर से केंद्रीय सरकार के विभिन्न विभागों में 9 लोगों संयुक्त सचिव बना दिया।अब निजी क्षेत्र के 40 कार्मिकों को बिना संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण किये सीधे उपसचिव व निदेशक बनाने की तैयारी के साथ लेटरल भर्ती  के माध्यम से 400 कार्मिकों की नियुक्ति करने की तैयारी मोदी सरकार  कर रही है,ताकि आरएसएस की मंशानुसार सवर्णों की नियुक्ति की जा सके।उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारों से सीधी भर्ती, संविदा व आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाने वाली नियुक्ति में ओबीसी,एससी, एसटी का कोटा की व्यवस्था की मांग किया है।सरकारी सहायता प्राप्त व अनुदानित उपक्रमों,प्रतिष्ठानों,अधिष्ठानों व संस्थानों में आरक्षण सुनिश्चित किये जाने की भी मांग किया है।
       श्री निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार संविदा के माध्यम से एक वर्ग विशेष की नियुक्ति करा रही है,जिसमें आरक्षण कोटा का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।इज़के पीछे आरक्षित वर्ग को संवैधानिक व्यवस्था से वंचित करने की संघी साज़िश है।उत्तर प्रदेश को योगी सरकार आउटसोर्सिंग व संविदा के माध्यम से की जाने वाली भर्ती में आरक्षण कोटा का गला घोंट रही है।भाजपा सरकार द्वारा आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व रोका जा रहा है।आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों(ईडब्ल्यूएस) के 10% कोटा को हर स्तर पर निश्चित किया जा रहा है।वही दूसरी ओर ओबीसी,एससी, सटीक कोटा हड़प किया जा रहा है।
      श्री निषाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय सीमा सुरक्षा बल में 300 बीएसएफ ऑपरेटर की नियुक्ति का विज्ञापन प्रकाशित कराया था।जिसमे 269 पद अनारक्षित रखा गया था व 31 पद ईडब्ल्यूएस को आरक्षित किया गया।केंद्रीय आरक्षण व्यवस्था अनुसार ओबीसी को 300 बीएसएफ ऑपरेटर पद में से ओबीसी को 81 पद, एससी को 45 पद,एसटी को 22 पद व ईडब्ल्यूएस को 30 एवं 122 पद अनारक्षित रखा जाना चाहिए।उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा आरक्षित वर्ग की हकमारी पर पिछड़े-दलित वर्ग के सांसदों,विधायकों की चुप्पी पर चिंता जताते हुए कहा कि लगता है भाजपा के ओबीसी,एससी नेताओं का ज़मीर मर गया है।छद्मराष्ट्रवाद व हिंदुत्व के नाम पर भाजपा को वोट देने वाले ओबीसी,एससी अपने समाज के पैर में कुल्हाड़ी मरवा रहे हैं।
         

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