संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज बावजूद नही हो रही गिरफ्तारी

किसी अप्रिय घटना के इंतज़ार में कृष्णा नगर पुलिस।

महिला को निर्वस्त्र करने कि की गई थी कोशिश।


जी हां आपको बताते चले कि यह पूरा मामला राजधानी लखनऊ के थाना कृष्णा नगर के अंतर्गत रहने वाली काल्पनिक  रीता नाम की महिला के साथ यह घटना दिनांक 7/6/19 की है
लखनऊ के थाना कृष्णा नगर अंतर्गत रीता काल्पनिक नाम की महिला करीब  22 दिन पहले कुछ दबंग लोगों के द्वारा निर्वस्त्र करने तथा पीड़िता को जान से मारने कि की थी कोशिश। पीड़िता अपनी शिकायत लेकर थाना कृष्णा नगर व संबंधित चौकी पर भटकती रही लेकिन पुलिस ने मुकदमा नही लिखा। आखिर दस दिन बाद जब यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तब कहि जा कर पुलिस ने  मुकदमा लिखा। परंतु पीड़िता की अभी भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। और इस घटना को अंजाम देने वाले दबंग आरोपी अभी तक अपने मोहल्ले में  खुलेआम घूम रहे हैं। जिससे आहत महिला काफी परेशान है पीड़िता के मुताबिक इस घटना को अंजाम देने में तेज सिंह, बब्लू सिंह, संसारवती के अलावा 6 से 7 अज्ञात लोग शामिल है। और दबंग लोग पीड़िता का रास्ता रोक रोज दबाव बना रहे है कि तुम अपना मुकदमा वापस ले लो वर्ना जान से मार दी जाओगी। और पुलिस मेरा कुछ नही कर पायेगी क्योंकि पुलिस वही लिखेगी जो हम चाहेंगे अब तुम चाहे कहि चली जाओ कोई मेरा कुछ नही कर सकता। और अबकी बार हम लोग उल्टा तुम्हारे खिलाफ हरिजन एक्ट में मुकदमा लिखवा देंगे।बाउजूद इसके थाना कृष्णा नगर की पुलिस दबंग आरोपियों पे न जाने क्यों मेहरबान है या तो विपक्षी प्रभावशाली है अथवा आरोपियों की कृष्णा नगर पुलिस से मजबूत साठ गांठ है जिसका फायदा दबंग आरोपियों को मिल रहा है। उदहारण आपके सामने है तभी विपक्षीयों को अबतक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि महिला की प्राथमिकी 07/06/2019 को ही दर्ज होनी चाहिए लेकिन कृष्णा नगर थाने की पुलिस ने 07/06/2019 को मुकदमा पंजीकृत न करके 10 दिनों के अंतराल में 17/06/2019 को मुकदमा पंजीकृत किया ऐसे में कृष्णा नगर की पुलिस ने स्वयं के ऊपर सवालिया निशान लगा लिया।
कई दिन बीत जाने के बाद मुकदमा अपराध संख्या, 0305, धारा- 147, 323, 352, 354ख, 392, जैसी संगीन धाराओ में मुकदमा पंजीकृत होने के बाउजूद दबंग आरोपियों की गिरफ्तारी न होना भी पुलिस के ऊपर सवालिया निशान खड़ा करता है। ऐसे में क्या पीड़ित महिला को कृष्णा नगर पुलिस से न्याय मिल सकता है?



जीत नारायण

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