चितबड़ागांव ( बलिया )- स्थानीय नगर पंचायत स्थित सेंट्रल वेयर हाउस के डिपो इंचार्ज के खिलाफ पुलिस ने करीब पांच हजार पांच सौ छियालीस बोरा ( करीब 2700 कुन्तल) चावल के गबन में मुकदमा दर्ज किया गया है । चितबड़ागांव पुलिस ने यह कार्रवाई विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक की तहरीर के आधार पर की है। खाद्य निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ( वाराणसी ) ने पुलिस को दी गई तहरीर में लिखा है कि खाद्य गोदाम चितबड़ागांव पर भारतीय खाद्य निगम का खाद्यान्न भण्डारित होता है ।गोदाम में मौजूद अनाज को विभिन्न पीडीएस योजनाओं के लिए आपूर्ति की जाती है । क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार पांच मार्च 2019 को गोदाम पूरी तरह से खाली हो गया। तत्कालीन डिपो इंचार्ज अंजनी गुप्त ने अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी , जिसमें खाद्यान्न की कमी बतायी गयी थी जिसमें जमा और निकासी में बड़ा अंतर सामने आया। इस प्रकरण की जांच भारतीय खाद्यान्न निगम व क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी की संयुक्त टीम से करायी गयी तो करीब 5546 बोरा चावल की गड़बड़ी मिली। उन्होंने लिखा है कि यह बहुत ही गम्भीर अनियमितता है, लिहाजा केस दर्ज किया जाय। पुलिस ने प्रबंधक की तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी व गबन का मुकदमा दर्ज किया है ।
अब अहम सवाल यह है कि सेन्ट्रल वेयर हाउस में हजारों कुन्तल अनाज की गड़बड़ी अधिकारियों के संज्ञान में फरवरी महीने में ही आ चुकी थी । हालांकि इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज करीब तीन माह बाद हो सका है । विभागीय लोगों का कहना है कि गोदाम में 5546 बोरा चावल कम पाए जाने की जानकारी 21 फरवरी को ही हो गयी थी । इसके बाद भी अधिकारियों ने मामला दबाने का भरपूर प्रयास किया । सूत्रों की माने तो 24 मई को सेंट्रल वेयर हाउस पर जांच करने पहुंचे मंत्री उपेन्द्र तिवारी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अधिकारियों से कारवाई करने का निर्देश दिया । इसके बाद अगले दिन यानि 25 मई को क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से आनन-फानन में तहरीर दी गयी जिसके बाद केस दर्ज हो सका। इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय प्रबंधक ( वाराणसी ) शिवप्रताप का कहना है कि विभागीय जांच की प्रक्रिया लम्बी होती है, लिहाजा इस प्रकरण में देर से मुकदमा दर्ज हो सका है ।
अब अहम सवाल यह है कि सेन्ट्रल वेयर हाउस में हजारों कुन्तल अनाज की गड़बड़ी अधिकारियों के संज्ञान में फरवरी महीने में ही आ चुकी थी । हालांकि इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज करीब तीन माह बाद हो सका है । विभागीय लोगों का कहना है कि गोदाम में 5546 बोरा चावल कम पाए जाने की जानकारी 21 फरवरी को ही हो गयी थी । इसके बाद भी अधिकारियों ने मामला दबाने का भरपूर प्रयास किया । सूत्रों की माने तो 24 मई को सेंट्रल वेयर हाउस पर जांच करने पहुंचे मंत्री उपेन्द्र तिवारी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अधिकारियों से कारवाई करने का निर्देश दिया । इसके बाद अगले दिन यानि 25 मई को क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से आनन-फानन में तहरीर दी गयी जिसके बाद केस दर्ज हो सका। इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय प्रबंधक ( वाराणसी ) शिवप्रताप का कहना है कि विभागीय जांच की प्रक्रिया लम्बी होती है, लिहाजा इस प्रकरण में देर से मुकदमा दर्ज हो सका है ।