उन्नाव जनपद की शान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना हसरत मोहानी की पुण्यतिथि मनाई गई



उन्नाव न्यूतनी हसनगंज 13 मई  महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शायर , पत्रकार सैयद फजल उल हसन मौलाना हसरत मोहानी की पुण्यतिथि  कस्बा न्यू तनी में मौलाना हसरत मोहानी विचार मंच के संरक्षक मुज्तबा हैदर भा यू एडवोकेट के आवास पर मनाई गई।
 इस मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया उपस्थित लोगों ने हसरत मोहानी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अब्दुल लतीफ उस्मानी एडवोकेट ने कहा कि हसरत मोहानी ने अपना पूरा जीवन देश की आजादी और अंग्रेजो के खिलाफ क्रांतिकारी लड़ाई के लिए
निछावर कर दिया था हसरत  मौलाना पत्रकारिता को ज्ञान और साहित्य को एक ही शाखा मानते थे देश में सर्वप्रथम स्वदेशी आंदोलन के प्रचारक के रूप में काम किया वह भारतीय संविधान निर्माता समिति के सदस्यों में से थे

Dमौलाना हसरत मोहानी विचार मंच के अध्यक्ष मुर्तजा हैदर रिजवी ने गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि  अलीगढ़ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के समय ही हसरत मोहानी साहब ने राजनैतिक आंदोलनों में भाग लेना शुरू कर दिया था
हसरत जिस युग में पैदा हुए थे वह क्रांतिकारी योग था हसरत की गणना देश की स्वतंत्रा की लड़ने वालों में अग्रणी लोगों में होती थी उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया हसरत ने अपने घर से ही स्वदेशी आंदोलन का बिगुल बजाया

कार्यक्रम का संचालन करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता उन्नाव लोकसभा के अल्पसंख्यक विभाग के कोऑर्डिनेटर सैयद गुलजार अख्तर रिजवी ने कहा कि हसरत मोहानी ने छात्र जीवन से ही आजादी की लड़ाई के लिए अंग्रेजो के खिलाफ अहिंसा पूर्वक आंदोलन चलाकर  देश के कोने कोने में अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल बजा दिया इसे अंग्रेजों के छक्के छूट गए उन्होंने कहा कि वह पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने सबसे पहले संपूर्ण स्वतंत्र ता का प्रस्ताव पेश किया हसरत मोहनी ने शुद्ध भारतीय वस्तुओं को अपनाया सन 1913 में अलीगढ़ में मोहानी स्वदेशी स्टोर के नाम से स्थापित किया संविधान निर्माता समिति के सदस्य ,सांसद होने के बावजूद भी हसरत मोहानी रेल के तीसरे  दर्जी के डिब्बे में यात्रा करते थे उनके जीवन का अधिकतर समय जेल में कटा हसरत मोहानी देश का विभाजन नहीं चाहते थे वह देश की एकता अखंडता के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहे गोष्ठी में उपस्थित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखें।

 रिपोर्ट मोहम्मद इदरीश उन्नाव

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