चितबड़ागांव, बलिया। स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत महरेंव निवासी भूतपूर्व सैनिक (भारतीय नौसेना) शिवा शंकर सिंह (70 वर्ष) ने पुलिस अधीक्षक- बलिया को दिए गए अपने शिकायती पत्र में चितबड़ागांव थाना प्रभारी शैलेश सिंह पर मारने पीटने वह फर्जी तरीके से मुकदमे में फंसा कर चालान करने का आरोप लगाया है।
उक्त संदर्भ में शिवा शंकर सिंह ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि जब मैं अपने मकान के एक जर्जर हिस्से को तोड़वा रहा था उसी समय चितबड़ागांव पुलिस ने मुझे थाने पर बुलाया और जब मैं थाने पहुंचा तो वहां पर मेरी चाची राजमुनी देवी पत्नी स्व. महेंद्र सिंह अपने विवाहिता पुत्री ममता सिंह के साथ पहले से ही बैठी हुई थी ।थाना प्रभारी शैलेश सिंह द्वारा पूछे जाने पर कि दूसरे का मकान क्यों तुड़वा रहे हो? मैंने घर के कागजात मंगाने के लिए अपने भांजे को घर भेजा और जब वह कागजात लेकर आया तो मेरे साथ आए तीन मजदूर व मेरे भांजे को थाना प्रभारी शैलेश सिंह और पुलिसकर्मियों द्वारा बुरी तरह मारा-पीटा गया और समुदायिक चिकित्सा केंद्र नरही पर मेडिकल कराकर धारा 151, 107/ 116 में चालान कर दिया और उसी समय मेरे भांजे का पर्स मुंशी अजय पांडे ने अपने पास रख लिया जिसमें 7600/रुपए थे। जमानत कराने के बाद जब मैं चलने फिरने में समर्थ हो गया तो थाने पहुंचा तो मुंशी ने मात्र ₹600 वापस किए और शेष ₹7000 नहीं लौटाया। श्रीमान के पास उक्त संदर्भ में जांच के लिए यह शिकायती पत्र दे रहा हूं कि अपनी ही जर्जर मकान छुड़वाना कौन सा अपराध है?
उक्त संदर्भ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिवा शंकर सिंह ने बताया कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी मैं कर दिया हूं और कई इलेक्ट्रॉनिक्स चैनलों पर वर्दी(यूनिफॉर्म) में दिए गए मेरे वक्तव्य का वीडियो दिखाया जा रहा है ।इसकी जांच के लिए मैं हाईकमान तक भी जाऊंगा।
उक्त संदर्भ में शिवा शंकर सिंह ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि जब मैं अपने मकान के एक जर्जर हिस्से को तोड़वा रहा था उसी समय चितबड़ागांव पुलिस ने मुझे थाने पर बुलाया और जब मैं थाने पहुंचा तो वहां पर मेरी चाची राजमुनी देवी पत्नी स्व. महेंद्र सिंह अपने विवाहिता पुत्री ममता सिंह के साथ पहले से ही बैठी हुई थी ।थाना प्रभारी शैलेश सिंह द्वारा पूछे जाने पर कि दूसरे का मकान क्यों तुड़वा रहे हो? मैंने घर के कागजात मंगाने के लिए अपने भांजे को घर भेजा और जब वह कागजात लेकर आया तो मेरे साथ आए तीन मजदूर व मेरे भांजे को थाना प्रभारी शैलेश सिंह और पुलिसकर्मियों द्वारा बुरी तरह मारा-पीटा गया और समुदायिक चिकित्सा केंद्र नरही पर मेडिकल कराकर धारा 151, 107/ 116 में चालान कर दिया और उसी समय मेरे भांजे का पर्स मुंशी अजय पांडे ने अपने पास रख लिया जिसमें 7600/रुपए थे। जमानत कराने के बाद जब मैं चलने फिरने में समर्थ हो गया तो थाने पहुंचा तो मुंशी ने मात्र ₹600 वापस किए और शेष ₹7000 नहीं लौटाया। श्रीमान के पास उक्त संदर्भ में जांच के लिए यह शिकायती पत्र दे रहा हूं कि अपनी ही जर्जर मकान छुड़वाना कौन सा अपराध है?
उक्त संदर्भ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिवा शंकर सिंह ने बताया कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी मैं कर दिया हूं और कई इलेक्ट्रॉनिक्स चैनलों पर वर्दी(यूनिफॉर्म) में दिए गए मेरे वक्तव्य का वीडियो दिखाया जा रहा है ।इसकी जांच के लिए मैं हाईकमान तक भी जाऊंगा।