नवविवाहिता को गुमशुदा दिखाकर लाश को ठिकाने लगाने के मामले में पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया

धर्मापुर. बलिया। स्थानीय थाना क्षेत्र के नगवा गाईं गांव में विगत 14 जून 2018 को नवविवाहिता को गुमशुदा दिखाकर लाश को ठिकाने लगाने के मामले में पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के नगवा गाईं निवासी स्वामीनाथ राजभर की शादी विगत 27 अप्रैल 2018 को गाजीपुर जनपद के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत कठऊत गांव निवासी श्याम जीत राजभर की पुत्री प्रतिभा से हुआ था ।शादी के 10 दिन के बाद प्रतिभा ने अपने मायके वालों से बताया कि का उसके पति का संबंध पहले से ही उसकी भाभी के छोटी बहन से था और शादी भी उसी से करना चाहता था लेकिन स्वामीनाथ के माता पिता अपनी बहू के चाल-चलन व रवैये से आजीज आ चुके थे और उसकी छोटी बहन से अपने पुत्र का विवाह नहीं करना चाहते थे ।इसी बीच प्रतिभा का रिश्ता स्वामीनाथ के माता पिता के पास आया और उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया और शादी भी कर ली लेकिन स्वामीनाथ राजभर अपनी पत्नी प्रतिभा से कोई संबंध नहीं रखना चाहता था और मानसिक तथा शारीरिक रूप से उसे प्रताड़ित करता रहता था ।प्रतिभा मौका पाकर अपने पति के मोबाइल से ही अपने पिता जो गुजरात में नौकरी करते हैं और माता और मायके वालों से बात कर लिया करती थी। 12 जून को जब प्रतिभा के पिता ने गुजरात से उसके पति के मोबाइल पर कांटेक्ट करना चाहा तो कई बार प्रयास के बाद भी कांटेक्ट नहीं हुआ ।13 जून को प्रतिभा के पिता श्याम जीतने गुजरात से फिर जब संबंध स्थापित करना चाहा तो नहीं हुआ इस पर उसने दूसरी मोबाइल से संपर्क किया जो तुरंत हो गया पूछने पर स्वामीनाथ में मोबाइल टावर ना होने का बहाना बनाया साथ में यह भी बताया कि आप की लड़की घर से भाग गई ।प्रतिभा के पिता संदेह के आधार पर तत्काल छुट्टी लेकर घर आए और प्रतिभा के ससुराल पहुंचे जहां सूत्रों से पता चला कि उसकी पुत्री की हत्या करके लाश ठिकाने लगा दी गई। मायके वालों ने चितबड़ागांव थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए जो नहीं हो पाई और उसे गुमशुदा बताया गया। हार-थक कर मायके वालों ने पुलिस अधीक्षक को इसकी शिकायत की तब कहीं जाकर 27 जुलाई 2018 को प्रतिभा की माता बिंदा देवी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। मायके वालों ने पुलिस को लाश ठिकाने लगाने की जगह की खुदाई के लिए भी जगह बतलाई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और तब तक बाढ आ जाने के कारण मायके वाले भी चुप रह गए ।बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना होते देख मायके वालों ने फिर पुलिस अधीक्षक को शिकायत की और बताया कि 12 मई से एक हफ्ते तक का स्वामीनाथ के मोबाइल का कॉल डिटेल निकलवाने पर मामले का समाधान हो सकता है क्योंकि सूत्रों से पता चला था की घटना वाली रात एक लड़की जो स्वामीनाथ के घर रुकी थी जिसका प्रेम प्रपंच किसी लड़के के साथ था और वह उसे फोन से प्रतिभा की हत्या कर लाश को ठिकाने लगाने की बात बता दी जिस की ऑडियो रिकॉर्डिंग मायके वालों के पास सुरक्षित है मुकामी थाने से प्राप्त कॉल डिटेल से पता चलता है की घटना वाली रात स्वामीनाथ के मोबाइल से 12 जून को 80 बार संबंध स्थापित किया गया था वह भी 3 घंटे के अन्दर। जब मायके वालों ने उस लड़की को जिसकी मोबाइल से हत्या के विषय में ऑडियो रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थी पूछताछ के लिए थाने पर बुलाने के लिए निवेदन किया तो सीओ सदर ने मायके वालों को चित बड़ागांव थाने भेज दिया यहां पहुंचने पर मुकामी थाना प्रभारी ने उनसे कहा कि कहां लाश गाड़ी गयी है चलो दिखाओ, हम खुदाई कराते हैं, तब मायके वालों ने बताया कि ऐसी तो कोई बात नहीं हुई थी 6 महीने बाद लाश वहां नहीं होगी, यह हम लोगों को विश्वास है कि लाश को वहां से हटा दिया गया है। हम लोग हत्या का सुराग की रिकॉर्डिंग वाली लड़की से बुलाकर पूछताछ के लिए आए हैं जिस पर मुकामी पुलिस ने इनकार कर दिया। हताश होकर मायके वाले कानून का सहारा लेते हुए हाई कोर्ट पहुंचे जहां पर कॉल डिटेल व ऑडियो रिकॉर्डिंग एवं सूत्रों के आधार पर कोर्ट में 24 मई तक पुलिस अधीक्षक बलिया को मामले की रिपोर्ट पेश करने की तारीख मुकर्रर कर दिया। 11 मई को पुलिस स्वामीनाथ के घर पहुंची थी, यह सूचना पाकर मायके वाले जब पता करने 13 मई को नगवा गाईं स्वामीनाथ के घर पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था उसी समय सोमवार लगभग 12:00 बजे सीओ सदर द्वारा मायके वालों को सूचना मिली कि अपराधियों ने हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया है और वह पुलिस हिरासत में है।
उक्त बातें मायके से आए प्रतिभा के चाचा गौरीशंकर ने बताया।

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