आगामी 25 मई 2019 को "पीपल नीम तुलसी" अभियान के तहत नालंदा की पावन भूमि जो कभी विश्व विख्यात ज्ञान की स्थली रही थी, उसी ज्ञान की धरोहर "नालन्दा विश्व विद्यालय खणडर" के पास एक राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गई है। जिसमें देस-प्रदेश के कई गण्यमान्य पर्रयावरण योद्धा भी शामिल होगे।
इस बैठक के स्थल चयन में "नालन्दा खंडहर" का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि यह भूमि भगवान गौतम बुद्ध की ज्ञान की भूमि रही थी। इसी जगह से पूरे विश्व को एक संदेश के रूप में भगवान गौतम बुद्ध का ज्ञान भरा संदेश प्रचारित हुआ था।
भगवान गौतम बुद्ध को ईसा से 528 वर्ष पूर्व बोधिवृक्ष (पीपल वृक्ष) के नीचे ज्ञान मिला था।
जिससे प्रमाणित होता है कि यह बोधि वृक्ष एक पेड़ नही होकर समाज में करुणा, शांति, सद्भावना सहित जीवन मरण हेतु शुद्ध पर्यावरण में ऑक्सीजन भी देता है।
आज पुनः इस बैठक के माध्यम से उस बोधिवृक्ष (पीपल का पेड़) की संख्या को बढ़ाते हुए जनमानस को एक संदेश दे कि बोधि वृक्ष की संख्या बढ़ाते हुए पर्यावरण में ऑक्सीजन सहित समाज में शील, करुणा और प्रज्ञा का संचार हो।
इसके लिए बैठक के माध्यम से नालंदा से 51 बौद्धि वृक्ष लगाकर शांति और पर्रयावरण संदेश दिया जायेगा।
क्योकि आज समाज में बढ़ते परवायवर्ण प्रदुषण के साथ-साथ समाज और परिवार में वैचारिक प्रदूषण जिसका परिणाम आपसी कलह, वैष्णमता के स्पस्ट रूप से दिखती है ,
उसका समुचित समाधान यह बोधिवृक्ष ( पीपल ) लगाकर की जा सकती। पीपल परिवार की जन संख्या बढाकर ही वातावरण मे सकरात्मक उर्जा का प्रसार किया जा सकता।
साथ ही आम जीव जंतु के संरक्षक भी है।
ईस पुनीत कार्य मे हम सभी अपने अपने नाम से एक बोधि वृक्ष लगाने का संकल्प बैठक मे भाग लेकर करे अवश्य करें।
आप सभी महानुभाव से आग्रह है वोट खत्म
अब पौधारोपण की बारी है।
लाईक नहीं अपने विचारों से अवगत कराये
"पीपल नीम तुलसी अभियान"
संस्थापक
डां धर्मेन्द्र कुमार
संमर्पक 09431496840
9262813528
आस सभी सादर आग्रह है शब्दों मे अपने विचारों से अवगत कराये। बुद्धप्रिय नवनीत संम्पर्क 9430483791/9931083791
इस बैठक के स्थल चयन में "नालन्दा खंडहर" का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि यह भूमि भगवान गौतम बुद्ध की ज्ञान की भूमि रही थी। इसी जगह से पूरे विश्व को एक संदेश के रूप में भगवान गौतम बुद्ध का ज्ञान भरा संदेश प्रचारित हुआ था।
भगवान गौतम बुद्ध को ईसा से 528 वर्ष पूर्व बोधिवृक्ष (पीपल वृक्ष) के नीचे ज्ञान मिला था।
जिससे प्रमाणित होता है कि यह बोधि वृक्ष एक पेड़ नही होकर समाज में करुणा, शांति, सद्भावना सहित जीवन मरण हेतु शुद्ध पर्यावरण में ऑक्सीजन भी देता है।
आज पुनः इस बैठक के माध्यम से उस बोधिवृक्ष (पीपल का पेड़) की संख्या को बढ़ाते हुए जनमानस को एक संदेश दे कि बोधि वृक्ष की संख्या बढ़ाते हुए पर्यावरण में ऑक्सीजन सहित समाज में शील, करुणा और प्रज्ञा का संचार हो।
इसके लिए बैठक के माध्यम से नालंदा से 51 बौद्धि वृक्ष लगाकर शांति और पर्रयावरण संदेश दिया जायेगा।
क्योकि आज समाज में बढ़ते परवायवर्ण प्रदुषण के साथ-साथ समाज और परिवार में वैचारिक प्रदूषण जिसका परिणाम आपसी कलह, वैष्णमता के स्पस्ट रूप से दिखती है ,
उसका समुचित समाधान यह बोधिवृक्ष ( पीपल ) लगाकर की जा सकती। पीपल परिवार की जन संख्या बढाकर ही वातावरण मे सकरात्मक उर्जा का प्रसार किया जा सकता।
साथ ही आम जीव जंतु के संरक्षक भी है।
ईस पुनीत कार्य मे हम सभी अपने अपने नाम से एक बोधि वृक्ष लगाने का संकल्प बैठक मे भाग लेकर करे अवश्य करें।
आप सभी महानुभाव से आग्रह है वोट खत्म
अब पौधारोपण की बारी है।
लाईक नहीं अपने विचारों से अवगत कराये
"पीपल नीम तुलसी अभियान"
संस्थापक
डां धर्मेन्द्र कुमार
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