प्रयागराज में कोचिंग टयूशन सेंटरों पर फायर ब्रिगेड टीम का छापा,छापेमारी से कई कोचिंग टयूशन सेंटरों में मचा हड़कंप। छापेमारी में मानको के अनुरुप नही मिली चीज़े, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा कोचिंग टयूशन सेंटर बेसमेंट में चलती हुई पाई गई। डीआईओएस पर गिर सकती है गाज, बिना जांच के दिया कोचिंग चलाने का रजिस्ट्रेशन। कई कोचिंग ट्यूशन सेंटरों में तीन मंजिला है और वहां पर निकलने के रास्ते एक ही दरवाज़ा मिला, और पढ़ने वाले बच्चों की संख्या हज़ार के आस पास है। अगर ऐसे में कोई शार्ट सर्किट से आगजनी हो जाऐ तो फायर ब्रिगेड के आने से पहले बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योकिं कोचिंग ट्यूशन में पढ़ने आने वाले बच्चों की तादात ज्यादा होने से भगदड़ के दौरान एक दूसरे से दबकर भी मौते हो सकती हैं। फायर नियंत्रण के कोई भी उपकरण कोचिंगों में लगे हुए बिल्कुल भी नही मिले। छापेमारी में अमूमन जितने भी शहर में कोचिंगों का संचालन कर रहे हैं। वो पूरी तरह जान जोखिम में डालकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। प्रशासन चेता है और इसके बाद अपने पहले छापेमारी अभियान में आधा दर्जनों से ज्यादा कोचिंग ट्यूशन सेंटरों में कार्रवाई के लिए खाकी ने लिखा पढ़ी कर ली है। जिसके बाद अन्य कोचिंग सेंटरों के मालिकों में हड़कंप मचा है। विश्वविद्यालय से सटे इलाकों में चल रही कोचिंगों में छापेमारी हुई है। इसके अलावा। अन्य इलाकों में चल रहे कोचिंग ट्यूशन सेंटरों में भी अभियान होगा और वहां भी कार्रवाई होगी। सबसे बड़ा सवाल डीआईओएस ने शहर में चल रहे कोचिंग संचालकों को बिना स्पाट को चेक किऐ। परमिशन का रजिस्ट्रेशन जारी कर दिया। जिससे कहीं न कहीं सब अपने अधिकारों की खानापूर्ति में लगे है। जबकि सीएम योगी अक्सर मंचों से लापरवाह प्रशासनिक अफसरों को सुधर जाने की चेतावनी देते रहते हैं। लेकिन अधिकारी है कि अपने वहीं पुराने ढर्रे पर काम कर रहे है