फैनी तूफान के चलते ओडिशा के 11 जिलों से हटाई गई आचार संहिता

ओडिशा के तटीय इलाके में मछुआरों को समु्द्र में ना जाने की सलाह
ओडिशा के तटीय इलाके में मछुआरों को समु्द्र में ना जाने की ।
चुनाव आयोग (ईसी) ने ओडिशा के 11 तटीय जिलों से आदर्श आचार संहिता हटा ली है। चक्रवात फैनी के इस राज्य से टकराने की आशंका है। इसके मद्देनजर पर्यटकों को पुरी छोड़ने की सलाह दी गई है। राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश भी दिये गये है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि 'फैनी' तीन मई की दोपहर को पुरी जिले के सतपाड़ा के पास 175-185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट को पार करने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चुनाव आयोग से तटीय इलाकों में तीव्र गति से राहत एवं पुनर्वास गतिविधियां चलाने के लिए आदर्श आचार संहिता हटाने का अनुरोध किया था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सुरेंद्र कुमार ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘चुनाव आयोग ने राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए ओडिशा के 11 जिलों में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) को हटाये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’

उन्होंने कहा कि इससे तटीय क्षेत्रों पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा, गजपति, गंजाम, खोरधा, कटक और जाजपुर में चक्रवात से निपटने के लिए किए जा रहे काम में तेजी भी आएगी।

इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने चक्रवाती तूफान ‘फैनी’ के ओडिशा तट के करीब बढ़ने के मद्देनजर पर्यटकों को पुरी छोड़ने की बुधवार को सलाह दी। राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश भी दिये गये है।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी पी सेठी ने कहा, ‘‘सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेशों तक दो मई से अवकाश घोषित करना चाहिए और परीक्षाओं की तारीखों में बदलाव किया जाना चाहिए।’’

सेठी ने कहा कि चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका के कारण जिलों में गैर जरूरी यात्रा को तीन मई से चार मई के दौरान रद्द किया जा सकता है। दक्षिण तटीय ओडिशा के दूरदराज के क्षेत्रों में बृहस्पतिवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक, एच आर बिस्वास ने कहा कि तटीय और आंतरिक ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।

मुख्य सचिव ए पी पधी ने कहा कि सभी 880 चक्रवात केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है और प्रशिक्षित लोगों को इस उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है। प्रत्येक केंद्र में लगभग 1000 लोग रह सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने ओडिशा में 28 टीमों, ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन बल (ओडीआरएएफ) की 20 इकाइयों और अग्निशमन बलों की 335 इकाइयों को भी तैयार रखा गया है।

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