देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान कितना बदल गया इंसान आज यह गाना कानपुर सूचना विभाग पर फिट बैठता है जहां डिप्टी डायरेक्टर सूचना विभाग के चुनाव मतगणना के पास वितरित करने के लिए सुरक्षा के तहत पुलिस फोर्स लगाई गई है। अब गौर करने की बात यह है की यह सुरक्षा किस से लगाई गई है और किसके लिए लगाई गई है क्योंकि सूचना विभाग तो पत्रकार चुनाव कवरेज हेतु पास के लिए जाएगा तो क्या पत्रकार किसी आतंकवादी की श्रेणी में हो गया या किसी अपराधी की श्रेणी में हो गया। जहां एक तरफ जिला प्रशासन कम फोर्स का रोना रोता है। जब कोई घटना घटित हो जाती है। जहां कल बिरहाना रोड पर दिनदहाड़े एक महिला की चेन लूट जाती है शहर में पुलिस विभाग के पास उसके लिए फोर्स नहीं है शहर में ऐसी कई जगह है जहां आदमी सुरक्षा को चाहिए लेकिन जिला प्रशासन के पास गिसा पिटा यह जवाब रहता है कि हमारे पास कोर्स नहीं है। चुनाव कवरेज पास के लिए एक वैधानिक शुक्रिया होती है। कि पत्रकार जिस संस्थान का हैउस संस्थान द्वारा सूचना विभाग को एक लैटर जारी किया जाता है। कि संबंधित पत्रकार और छायाकार को पास जारी किया जाए।
लेकिन अब यह दिन आ गए हैं की सूचना विभाग को चुनाव कवरेज पास देने के लिए फोर्स की जरुरत पड़ रही है। तो क्या पत्रकार अपराधी है। जिससे सूचना विभाग और डिप्टी डायरेक्टर को सुरक्षा की ज़रूरत पढ़ गई।और अगर पत्रकार अपराधी नहीं है तो फिर सवालिया निशान सूचना विभाग और डिप्टी डायरेक्टर ऊपर उठता है।कि उनकी कार्य शैली में कुछ ना कुछ कमी है अभी तो इनको सुरक्षा की ज़रूरत पढ़ रही है।
लेकिन अब यह दिन आ गए हैं की सूचना विभाग को चुनाव कवरेज पास देने के लिए फोर्स की जरुरत पड़ रही है। तो क्या पत्रकार अपराधी है। जिससे सूचना विभाग और डिप्टी डायरेक्टर को सुरक्षा की ज़रूरत पढ़ गई।और अगर पत्रकार अपराधी नहीं है तो फिर सवालिया निशान सूचना विभाग और डिप्टी डायरेक्टर ऊपर उठता है।कि उनकी कार्य शैली में कुछ ना कुछ कमी है अभी तो इनको सुरक्षा की ज़रूरत पढ़ रही है।