चितबड़ागांव ( बलिया ) - स्थानीय नगर पंचायत स्थित मुख्य बाजार पीसीओ तिराहे से लेकर भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तक आए दिन लगातार पटरी के दोनों ओर दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण किए गए हैं जिससे आए दिन लगातार आने-जाने वाले राहगीर, महिला, पुरूष के साथ ही छोटे - छोटे-बच्चे, बच्चियों व बुजुर्गों को जाम के झाम में फंसकर कई घण्टे तक इंतजार करना पड़ता है ।
ज्ञातव्य हो कि बलिया जनपद में चितबड़ागांव सबसे बड़ी व पुरानी नगर पंचायत है मगर अफसोस की बात है कि जबसे नगर पंचायत घोषित हुआ तबसे आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि ऐसा नहीं हुआ जो चहुंमुखी विकास करा सके और अतिक्रमण हटाने में सक्षम हो सके।यह भी एक बड़ी चुनौती ही है ।
बुजुर्गों व बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि चितबड़ागांव बाजार सदियों पुरानी बाजार है जहां पर अनेकों प्रांतों के व्यापारी व्यापार करने के लिए आते व जाते थे । और वही अब लोग जो दूर-दराज से आने-जाने वाले राहगीर, व्यापारी, महिला, पुरूष कोसते हुए तथा हीनभावना से देखते हैं तथा कोसते हुए चले जाते हैं। वार्ता के दौरान नगर पंचायत के ही युवा समाजसेवी एवं पूर्व पत्रकार मनीष तिवारी ने कहा कि नगर पंचायत की दिशा व दशा देखकर बहुत ही घृणा महसूस हो रहा है क्योकि यहां पर आज तक जो भी जनप्रतिनिधि हुआ वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हुए नजर आ रहे हैं जो मुख्य बाजार पीसीओ तिराहे से शहीद वृन्दावन तिवारी स्मारक तक दुकानदारों द्वारा की गयी भयंकर अतिक्रमण को हटाने तथा अभियान चलाने से कतरा रहे हैं जो वास्तव में बहुत ही सोचनीय व विचारणीय बात है तथा दुर्भाग्यपूर्ण है । इस परिस्थिति में नगर पंचायत की विकास में अतिक्रमण हटाना सबसे बड़ी चुनौती है
। श्री तिवारी ने कहा कि नगर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को एक दूसरे पर आरोप - प्रत्यारोप लगाने के बजाय सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों को गम्भीरता से लेते हुए सबसे पहले नगर को अतिक्रमण से निजात दिलाएं तथा अपने कार्यशैली में सुधार लाएं अन्यथा आने वाले समय में नगर पंचायत की जनता सबक सिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। वहीं दूसरी ओर पूर्व प्रधानाचार्य श्रद्धानंद कुशवाहा ने कहा कि आज तक यह बात बात बिल्कुल समझ से परे रहा है कि आखिर हम सभी को कब तक अतिक्रमण से निजात मिलेगा और बाजार के दिन व दशा बहुरेंगे ।