जाति टिप्पणी एवं मानसिक प्रताड़ना के चलते डॉ पायल ने की खुदकुशी

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक मेडिकल छात्रा ने कथित तौर पर जातीय टिप्पणी और सीनियरों के मानसिक प्रताणना से तंग आकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने इस संबंध में पुलिस ने तीन महिला डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. हालांकि अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. छात्रा मुंबई के बीवाईएल नायर हॉस्पिटल में एमडी सेंकड ईयर की छात्रा थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुदकुशी करने से पहले दिन में डॉ पायल तडवी ने दिन में सर्जरी की थी. उस वक्त डॉक्टर पायल किसी भी तरह के तनाव में नहीं दिख रही थीं. जब वे हॉस्पिटल से अपने कमरे पर लौटीं, 3 से 4 घंटे के बाद उनका शव बरामद किया गया. डॉक्टर पायल के परिवार वालों का कहना है कि सीनियर पायल का मेंटल टॉर्चर इसलिए करती थीं क्योंकि वह पिछड़ी जाति से आती थी. छात्रा ने बीते 22 मई को आत्महत्या की।
घर वालों को भी थी प्रताड़ना की खबर
मिड डे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा की मौत के बाद सभी आरोपी फरार चल रहे हैं. भागे हुए सभी आरोपी टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज के छात्र के रह चुके हैं जो बीवाईएल नायर हॉस्पिटल से सम्बन्धित है. सभी छात्रों के खिलाफ एसटी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।
छात्रा ने 1 मई 2018 को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था जिसके बाद से ही उसके सीनियर लगातार रैगिंग और टॉर्चर करते रहे.  छात्रा के साथ हो रहे उत्पीड़न की खबर छात्रा के पति और परिवार को भी थी।

जातीय टिप्पणी से आहत थीं डॉक्टर पायल
डॉक्टर पायल का एडमिशन आरक्षित कोटे से हुआ था. इसी बात का जिक्र कर पायल के सीनियर उन्हें प्रताड़ित करते थे. छात्रा के परिवार वालों ने इस बात की शिकायत हॉस्टल वार्डन से भी की थी. वॉर्डन ने तीनों सीनियरों को बुलाकर समझाया भी था कि इस तरह की मानसिक प्रताड़ना से बाज आएं लेकिन सीनियर माने नहीं.
कैसे हुआ मौत का खुलासा
जब डॉक्टर पायल की दोस्त डिनर के लिए उन्हें बुलाने उनके रूम पर गई और कई बार पुकारा तो उधर से जवाब नहीं आया. आखिरकार छात्रा ने गार्ड को इस बात की सूचना दी. जब दरवाजा तोड़कर अंदर लोग दाखिल हुए तो पायल ने सीलिंग फैन में दुपट्टा बांधकर खुदकुशी कर ली थी. पायल को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस मामले में तीन डॉक्टरों के खिलाफ नामजद शिकायत दी गई है. तीनों के नाम डॉक्टर हेमा आहुजा, डॉक्टर भक्ति मेहर और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाला है।
पीड़िता के घर वालों ने सीनियरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एसी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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